उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में बुधवार की दोपहर SP ऑफिस के अंदर एक युवक ने मिट्टी का तेल डालकर खुद को आग लगा ली। युवक के आग लगाते ही मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने युवक को बचाया और इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा। युवक की हालत गंभीर होने के नाते उसे बेहतर इलाज के लिए KGMC, लखनऊ रेफर कर दिया गया है। आत्मदाह करने वाले युवक के परिवार वालों ने उन्नाव पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

जानकारी के अनुसार, भूले मऊ गांव के रहने वाले श्रीचंद्र पासी का गांव के ही कुछ लोगों से विवाद चल रहा था। विवाद के चलते मारपीट भी हुई थी, जिसमें मुकदमा भी लिखा गया था। पीड़ित के भाई का आरोप है की वह न्याय के लिए गुहार लगा रहा था, और उसने अधिकारियों के यहां कई चक्कर भी लगाए।

पीड़ित के भाई का आरोप है की पुलिस उन्हें लगातार प्रताड़ित कर रही थी और जो मुकदमा लिखा गया था उसमें सीओ पुरवा ने तीन लोगों के नाम भी हटा दिए थे। भाई ने यह भी आरोप लगाए कि पुलिस आरोपियों की मदद कर रही है। उसने आरोप लगाए कि पुलिस ने उल्टा हमारे परिवार के खिलाफ ही मुकदमा लिख दिया। पीड़ित परिवार का आरोप है की पुलिस इस मामले में विरोधियों से मिली हुई थी और आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही थी। कोई सुनवाई न होने के कारण, पीड़ित ने मजबूर होकर यह कमद उठाया।

पीड़ित के भाई ने यह भी आरोप लगाया कि मारपीट वाले मामले में सीओ ने एकतरफा कार्रवाई की। कई बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी जब उसे न्याय नहीं मिला तो उसका भाई दुखी हो गया और एसपी ऑफिस पहुंचा और खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली। घटना के बाद अफरा तफरी मच गई।

बताया जाता है की जिस समय यह घटना हुई थी उस समय एएसपी अखिलेश सिंह और को सिटी आशुतोष कुमार अपने ऑफिस में बैठे थे। बताया की पहले उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया उसके बाद उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया। वहीं, अपराधियों पर केस दर्ज करने के मामले में पुलिस ने कहा कि जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज था उसमे गिरफ्तारी नहीं की जा सकती थी।