नई दिल्‍ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने उन लग्जरी वस्तुओं की सूची जारी की है, जिन्‍हें खरीदने पर अब ज्‍यादा पैसे चुकाने होंगे. सीबीडीटी ने इन उत्‍पादों पर स्रोत पर कर (TCS) लगा दिया है और इस बारे में बाकायदा नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है. इसमें बताया गया है कि सूची में शामिल घड़ी, चश्‍मा, जूते और बैग सहित तमाम सामानों को खरीदने पर 1 फीसदी टीसीएस लगाया जाएगा. नया टैक्‍स 22 अप्रैल से ही लागू हो चुका है.

सीबीडीटी ने साफ किया है कि जिन ग्राहकों ने 21 अप्रैल से पहले इन सामानों को खरीदा है, उनसे 1 फीसदी टीसीएस की वसूली नहीं की जाएगी. नया टैक्‍स नोटिफिकेशन जारी करने की तारीख यानी 22 अप्रैल, 2025 से ही प्रभावी हो चुका है. टैक्‍स एक्‍सपर्ट का भी कहना है कि सीबीडीटी का नोटिफिकेशन 22 अप्रैल को जारी है, लिहाजा इसके बाद ही टैक्‍स प्रभावी माना जाएगा.

सीबीडीटी की लिस्‍ट में क्‍या शामिल

  1. कलाई पर बांधने वाली लग्‍जरी घड़ी.
  2. एंटीक पीस जैसे पेंटिंग्‍स और मूर्तियां.
  3. कलेक्‍शन की चीजें जैसे सिक्के, डाक टिकट.
  4. लग्‍जरी यॉट, रोइंग बोट, कैनो, हेलीकॉप्टर.
  5. लग्‍जरी धूप का चश्मा.
  6. लग्‍जरी हैंडबैग, पर्स.
  7. लग्‍जरी जूते.
  8. खेल का सामान जैसे गोल्फ किट, स्की वियर.
  9. होम थिएटर सिस्टम.
  10. पोलो या रेस क्‍लब के लिए घोड़े खरीदना.
  11. सीबीडीटी ने नोटिफिकेशन जारी कर बताया है कि यदि सामान खरीदने पर खर्च की गई राशि 10 लाख रुपये से अधिक है, तभी इस पर TCS लगाया जाएगा. इसका मतलब है कि अगर आप 10 लाख रुपये कीमत वाली ओमेगा घड़ी खरीदते हैं तो दुकानदार ग्राहक से 1 फीसदी टीसीएस वसूल करेगा. इसी तरह, यदि आप एक होम थिएटर सिस्टम खरीदते हैं जिसकी कीमत 10 लाख रुपये से अधिक है तो भी विक्रेता आपसे टैक्‍स वसूल करेगा. अभी 10 लाख से ज्‍यादा कीमत वाले वाहनों पर भी टीसीएस लगाया जाता है.
  12. सीबीडीटी ने अपने नोटिफिकेशन में बताया है कि ग्राहक की ओर से टीसीएस जमा करने के बाद इसे खरीदार के पैन में जमा करने की जिम्‍मेदारी दुकानदार की होगी. इसके बाद खरीदार इसका उपयोग टैक्स क्रेडिट का दावा करने और ITR फाइलिंग में कम टैक्स चुकाने के लिए कर सकता है. यह उसी तरह है जैसे नियोक्ता वेतन से TDS काटता है और इसे कर्मचारी के PAN के साथ जमा करता है. अगर आपकी कुल टैक्स देनदारी TCS राशि से कम है, तो आप अपने ITR में रिफंड का दावा कर सकते हैं. हालांकि, इसके लिए खरीदार को टैक्स जमा होने के बाद विक्रेता से TCS प्रमाणपत्र प्राप्त करना चाहिए.