भोपाल। भारत सरकार के निर्देशानुसार आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहादत दिवस के अवसर पर आईक्यूऐसी सेमीनार हॉल में चर्चा का आयोजन किया गया।
चर्चा में मुख्य वक्ता के रूप में भगतसिंह यादगार मंच द्वारा संचालित भगतसिंह लाईब्रेरी के संचालक श्री प्रमोद नामदेव ने भगतसिंह के क्रांतिकारी जीवन के अनेक किस्से सुनाए। श्री नामदेव ने कहा कि भगतसिंह का मकसद आजादी के बाद एक समावेशी और शोषणमुक्त समाज की स्थापना करना था। परंतु पूंजीवाद के युग में हमने भगतसिंह की शहादत के उद्देश्य को ही तोड़-मरोड़ दिया है। आज हिंसा को जायज ठहराने के लिए हम भगतसिंह के नाम का उपयोग करने लगे हैं, जबकि भगतसिंह स्वयं हिंसा के विरोधी थे। जब उन्होंने असेंबली में बम फेंका तो उन्होंने पर्चे में लिखा कि हमारा उद्देश्य किसी की हत्या करना नहीं है बल्कि हम सत्ता में बैठे बहरे लोगों को अपनी बात सुनाने के लिए धमाके का उपयोग कर रहे हैं। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि समाजसेवी श्री पारुल शर्मा ने कहा कि भगतसिंह को याद करना तभी सार्थक है जब हम भगतसिंह के रास्ते पर चल सकें। हर गलत काम का विरोध करते हुए आम आदमी को न्याय दिलाने का काम आज के युवाओं को अपने हाथ में लेना होगा। चर्चा में एन एस एस के स्वयंसेवकों ने सक्रिय सहभागिता करते हुए भगतसिंह के जीवन से जुड़े अनेक सवाल किए।
स्वयंसेवक जयेश राठौर ने पूछा कि एकता और अखंडता को भगतसिंह से कैसे सीखा जा सकता है। वहीं अमितेश कुमार ने भगतसिंह के रास्ते पर चलते हुए भ्रष्टाचार को खत्म कैसे किया जाए इस पर सवाल किया। कार्यक्रम में मुुख्य भूमिका शबनम कुमारी, दिव्या जानी, रवि नायक, भास्कर विग, कृष्णा कुमार, ज्योति जाटव, मोना लोधी, विजय कुमार, हर्ष कीर, जन्नत खान, मोनिका वर्मा इत्यादि की रही। कार्यक्रम का संयोजन कार्यक्रम अधिकारी डॉ रेखा गुप्ता एवं श्री गब्बर सिंह ने किया।