भोपाल । प्रदेश के श्योपुर जिले में आयोजित नसबंदी शिविर में महिलाएं डॉक्टरों के इंतजार में सुबह से शाम तक बैठी रही लेकिन डॉक्टर साहब नहीं पहुंचे। नसबंदी शिविर का आयोजन श्योपुर सरकारी स्वास्थ्य केंद्र बड़ौदा पर किया गया था। सुबह से महिलाओं को घंटों भूखा-प्यासा रहकर डॉक्टर का इंतजार करना पड़ा, लेकिन सर्जन शाम तक नहीं पहुंचे। यहां बता दें, कि बड़ौदा अस्पताल में प्रत्येक मंगलवार को नसबंदी शिविर लगता है।
जिसमें सर्जन ऑपरेशन करने पहुंचते हैं, लेकिन वह देर शाम तक अस्पताल नहीं पहुंचे। नसबंदी के लिए बड़ौदा क्षेत्र की 70 महिलाओं को ऑपरेशन के लिए बुलाया गया था। बह 8 बजे से ही महिलाएं अस्पताल पहुंचना शुरू हो गई थीं। महिलाओं की जांच भी हो गई, लेकिन शाम छह बजे तक सर्जन ही नहीं पहुंचे।
इस दौरान महिलाओं के छोटे छोटे बच्चे स्वजनों की गोद में रोते बिलखते रहे। महिलाओं व उनके स्वजनों का कहना था कि जब डॉक्टर को नहीं आना था तो हमको क्यों बुलाया गया। श्रीपुरा निवासी धनजीत बैरवा का कहना था कि 10 माह के बच्चे को लेकर आए हैं। सुबह 8 बजे ही आ गए थे लेकिन अब तक डॉक्टर नहीं आए। बुढेरा निवासी गणेशी बाई अपनी बेटी संजया बाई का ऑपरेशन करवाने सुबह 8 बजे से भूखी प्यासी बैठी रही हैं। अस्पताल में जब शाम तक डॉक्टर नहीं पहुंचे तो नाराज महिला व उनके स्वजनों ने कलेक्टर व स्वास्थ्य मंत्री को शिकायत कर दी।
इसके बाद कलेक्टर शिवम वर्मा, एडीएम टीएन सिंह देर शाम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे और सर्जन के देरी से अस्पताल पहुंचने पर नाराजगी जताई। उन्होने महिलाओं को आश्वासन दिया कि चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।साथ ही कलेक्टर ने महिलाओं व उनके अटेंडरों के लिए भोजन की व्यवस्था कराई व वाहनों ने घर पहुंचाया।महिलाओं के साथ आए उनके स्वजनों को भी दिनभर भूखे बैठे रहना पड़ा। इससे महिलाओं में रोष नजर आया।