भोपाल । प्रदेश के महिला स्व-सहायता समूहों के व्यापार संवर्धन के लिये ‘व्यापार केन्द्र’ खोला जायेगा, जो महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की गुणवत्ता, ब्रान्डिंग, विक्रय आदि के क्षेत्र में उनकी सहायता करेगा।
इसके माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों को लगभग 50 हजार करोड़ रुपये के व्यापार के अवसर प्राप्त होंगे। इस संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा आईआईएम इंदौर के बीच इंदौर में एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। आईआईएम इंदौर ‘व्यापार केन्द्र’ की स्थापना, उत्पादन, संचालन एवं संवर्धन के लिये तकनीकी सहयोग देगा।
मध्यप्रदेश, महिला स्व-सहायता समूहों के गठन एवं उनके विकास की दिशा में अग्रणी राज्य है। प्रदेश में 3 लाख 40 हजार महिला स्व-सहायता समूह हैं, जिनसे लगभग 39 लाख 10 हजार महिलाएँ जुड़ी हुई हैं। समूहों के पास संसाधनों की कमी होने से इन्हें बाजार में प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल होता है।
व्यापार केन्द्र इनके उत्पादों एवं आपूर्तियों के पारिस्थितिक तंत्र में आदर्श बदलाव लायेगा। यह वन स्टॉप सुविधा के रूप में कार्य करेगा, जो उनके उत्पादों एवं सेवाओं को प्रारंभ से अंत तक व्यापार निर्माण और विस्तार समर्थन प्रदान करेगा। सहयोग के क्षेत्रों में मुख्य रूप से उत्पाद विकास के लिये साझेदारी तथा संयुक्त पाठ्यक्रमों, कार्यशालाओं, संगोष्ठियों का आयोजन शामिल हैं। यह व्यापार केन्द्र सरकार के हस्तक्षेप के बिना, उद्योग विशेषज्ञों के माध्यम से व्यावसायिक रूप से चलाया जायेगा। आईआईएम इसके लिये विशेषज्ञों की भर्ती में मदद करेगा।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव एवं आईआईएम इंदौर के निदेशक श्री हिमांशु राय ने केन्द्र सरकार, राज्य सरकार तथा आईआईएम इंदौर के विशिष्ट व्यक्तियों की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किये।