भोपाल । एआईसीसी के एक आदेश के बाद प्रदेश की महिला नेताओं सहित युवा कांग्रेस के नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया है। महिला कांग्रेस और युवा कांग्रेस में कई नेता कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष का पद पाने की प्रयास में थे, लेकिन अब एआईसीसी ने पार्टी के मोर्चा-संगठन, विभाग और प्रकोष्ठों में कार्यकारी अध्यक्ष नहीं बनाने के निर्देश प्रदेश कांग्रेस को दिए हैं। हालांकि इसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की व्यवस्था को यथावत रखा गया है।
सूत्रों की मानी जाए तो इस निर्देश के पहले महिला कांग्रेस में चार नेत्री कार्यकारी अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल मानी जा रही थी। इसमें उज्जैन की नूरी खान, ग्वालियर की रश्मि पवार, जबलपुर की जमुना मरावी और रीवा की कविता पांडे का प्रस्ताव दिल्ली तक जा चुका था, इनके नाम पर मुहर लग पाती इससे पहले ही एआईसीसी ने कार्यकारी अध्यक्ष बनाने जाने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। अब नई व्यवस्था के तहत इनके महिला कांग्रेस की कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनने के अरमान पर अब पानी फिर गया है। जबकि इससे पहले जब मांडवी चौहान महिला कांग्रेस की अध्यक्ष थी, तब कविता पांडे, रतलाम की यास्मीन शेरानी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।
इसी तरह युवा कांग्रेस की पिछली कार्यकारिणी में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हर्षित गुरु, पवन जायसवाल, शशांक दुबे और संजय यादव को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। इस बार फिर युवा नेताओं को आस थी कि उनके से कुछ को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है, लेकिन अब इनके अरमान पर भी पानी फिर गया है। प्रदेश कांग्रेस में बाला बच्चन, जीतू पटवारी, रामनिवास रावत और सुरेंद्र चौधरी कार्यकारी अध्यक्ष हैं। एआईसीसी ने प्रदेश कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की व्यवस्था को यथावत रखा है।