शामली उत्तर प्रदेश के शामली जिले के थानाभवन के उमरपुर नांगल गांव में हुए एक किसान इस्तकार हत्याकांड में पुलिस ने दिल दहला देने वाला खुलासा किया है। इस्तकार की हत्या की पटकथा उसकी बीवी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर लिखी थी। वो उनके प्रेम प्रसंग में बाधक बनने लगा था। अवैध संबंध का विरोध करते हुए आरोपी बीवी की कई बार पिटाई कर देता था।
इससे नाराज होकर उसने उसकी हत्या की सुपारी एक लाख रुपए में दे दी। इसके बाद प्रेमी ने अपने दो सगे भाइयों और दो दोस्तों के साथ उसे मौत के घाट उतार दिया। इस मामले में पुलिस ने आरोपी पत्नी और प्रेमी सहित सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वारदात में इस्तेमाल रस्सी और कार भी बरामद कर ली गई है।
जानकारी के मुताबिक, 30 दिसंबर को शामली पुलिस को सूचना मिली कि उमरपुर से नांगल जाने वाले राजवाहे के पास एक शख्स का शव पड़ा हुआ है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। शव की पहचान जलालाबाद के रहने वाले इस्तकार पुत्र मुस्तफा निवासी मोहल्ला जामिन अली के रूप में हुई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करके इस मामले की जांच शुरू कर दी।
पुलिस की टीम मृतक के घर पहुंची, जहां उसकी पत्नी जकिया अपने पांच बच्चों के साथ रह रही थी। शुरूआती पूछताछ के दौरान पुलिस को उसके व्यवहार पर शक हुआ। पुलिस ने जकिया को हिरासत में ले लिया। थाने में कड़ाई से पूछताछ के दौरान उसने जुर्म कबूल कर लिया।
शामली के पुलिस अधीक्षक अभिषेक के मुताबिक, पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए मृतक इस्तकार की पत्नी जकिया, उसके प्रेमी अबरार, उसके भाई मो। शोएब, मो। ओवेश, सहारनपुर निवासी भूरा उर्फ अक्षय और सुधीर को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों ने अपने अपराध कबूल कर लिए हैं।
इस हत्याकांड की पटकथा लिखने वाली जकिया के प्रेमी अबरार ने बताया कि उसकी बहन रेशमा की शादी थानाभवन में मोहल्ला सराय में हुई है। जकिया का मोहल्ला सराय में ही उसकी बहन के घर के पास मायका है। अपनी बहन के घर आने जाने के दौरान अबरार और जकिया की मुलाकात हुई थी। इसके बाद दोनों एक-दूसरे से प्रेम करने लगे। इधर इस बात की खबर जकिया के पति को लग गई।
इस्तकार ने अपनी पत्नी जकिया के अवैध संबंध का विरोध किया। इसके बावजूद जब वो नहीं मानी तो उसके साथ मारपीट भी की थी। इससे वो नाराज हो गई और उससे बदला लेने के लिए साजिश रचने लगी। उसने अपने प्रेमी अबरार को उसकी हत्या के लिए तैयार किया। इसके लिए बाकायदा एक लाख रुपए की सुपारी भी दी।
तय योजना के मुताबिक वो इस्तकार को 29 दिसंबर को लेकर ननौता के मोहल्ला शेखजादगान पहुंची। वहां चाय नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिला दिया। इस्तकार बेहोश हो गया तो अबरार ने अपने भाई शोएब, ओवेश और दोस्तों की मदद से रस्सी से उसका गला घोंट दिया। लाश को कार में लेकर उमरपुर के जंगल में पहुंचे। वहां उसे फेंक कर सभी आरोपी फरार हो गए।