जबलपुर. एमपी के जबलपुर स्थित त्रिमूर्ति नगर में रहने वाले आशीष भट्ट ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आशीष ने फांसी उस वक्त लगाई है जब पत्नी नीतू लाड़ली बहना योजना का फार्म भरने के लिए निकली थी. नीतू लौटकर आई तो देखा आशीष फांसी के फंदे पर झूल रहा है. जिसपर वह चीख पड़ी, शोर सुनकर आसपास के लोग घरों से बाहर निकल आए. सभी ने आशीष को फंदे से नीचे उतारा, उस वक्त आशीष की मौत हो चुकी थी.

पुलिस के अनुसार त्रिमूर्ति नगर निवासी आशीष भट्ट उम्र 43 वर्ष कोई काम धंधा नहीं करता रहा. यहां तक कि शराब पीने का आदी हो गया था. जिसके चलते परिवार में आए दिन किसी न किसी बात को लेकर विवाद होता रहा. घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण पत्नी नीतू ने मुख्यमंत्री की लाड़ली बहना योजना से एक हजार रुपए हर माह प्राप्त कर बच्चों का भरणपोषण करने का सोचा. जिसके चलते वह नीतू बीती दोपहर दो बजे के लगभग लाड़ली बहना योजना का फार्म भरने के लिए घर से निकली. इस दौरान आशीष ने ऊपर कमरे में पंखा में गमछा का फंदा डालकर फांसी लगा ली. शाम 6 बजे के लगभग नीतू घर आई और पति को आशीष को आवाज लगाई लेकिन कोई जबाव नहीं मिला. नीतू ऊपर कमरे में पहुंची तो देखा दरवाजा बंद रहा. उसने साइड की खिड़की से देखा तो पति आशीष फांसी के फंदे पर झूल रहा है. पति आशीष को इस हालत में देख नीतू चीख पड़ी. नीतू की आवाज सुनकर परिवार के अन्य सदस्यों के अलावा आसपास के लोग भी पहुंच गए. जिन्होने फंदा काटकर आशीष को नीचे उतारा लेकिन उस वक्त तक आशीष की मौत हो चुकी थी. आशीष की मौत की खबर क्षेत्र में आग की तरह फैल गई. देखते ही देखते कई लोग एकत्र हो गए. वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने पूछताछ के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल अस्पताल पहुंचाकर मर्ग कायम कर लिया है.