शहडोल, प्रधानमंत्री मोदी ने आज मध्य प्रदेश के शहडोल में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने आदिवासी समाज के लोगों के बीच दिए अपने संबोधन में कहा कि हमारे लिए आदिवासी सिर्फ एक वोटर नहीं हैं. अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा, आज मुझे रानी दुर्गावती जी की इस पावन धरती पर आप सभी के बीच आने का सौभाग्य मिला है. मैं रानी दुर्गावती जी के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि समर्पित करता हूं. उनकी प्रेरणा से आज सिकल सेल एनीमिया मुक्ति मिशन अभियान की शुरुआत हो रही है.
पीएम ने कहा, आज ही मध्य प्रदेश में 1 करोड़ लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड भी दिए जा रहे हैं. इन दोनों ही प्रयासों के सबसे बड़े लाभार्थी हमारे गोंड समाज, भील समाज और अन्य हमारे आदिवासी समाज के लोग ही हैं.
सिकल सेल एनीमिया से मुक्ति का संकल्प
PM ने सिकल सेल एनीमिया मुक्ति मिशन अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि आज देश एक बड़ा संकल्प ले रहा है. यह आदिवासी भाई-बहनों के जीवन को सुरक्षित बनाने का संकल्प है. PM ने कहा कि मैंने आदिवासी समाज के लोगों के बीच वक्त गुजारा है. यह सिकल सेल एनीमिया से बचाने का संकल्प है. ये संकल्प है हर साल सिकल सेल एनीमिया की गिरफ्त में आने वाले 2.5 लाख बच्चों और उनके परिवारजनों के जीवन बचाने का.
’70 वर्षों में इस बीमारी पर ध्यान नहीं दिया गया’
पीएम ने इस दौरान कहा कि मैंने देश के अलग-अलग इलाकों में आदिवासी समाज के बीच एक लंबा समय गुजारा है. सिकल सेक एनीमिया जैसी बीमारी बहुत कष्टदायी होती है. ये बीमारी परिवारों को भी बिखेर देती है. ये बीमारी न पानी से होती है, न हवा से और न भोजन से फैलती है. ये बीमारी आनुवंशिक होती है यानी माता-पिता से ही बच्चे में ये बीमारी आती है.
पूरी दुनिया में ‘सिकल सेल एनीमिया’ के जितने मामले होते हैं, उनमें से आधे अकेले हमारे देश में होते हैं. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि पिछले 70 वर्षों में कभी इसकी चिंता नहीं हुई. इससे निपटने के लिए कोई ठोस प्लान नहीं बनाया गया. लेकिन आदिवासी समाज की इस सबसे बड़ी चुनौती को हल करने का बीड़ा अब हमारी सरकार ने उठाया है. हमारे लिए आदिवासी समाज सिर्फ एक सरकारी आंकड़ा नहीं है, ये हमारे लिए संवेदनशीलता का विषय है, भावनात्मक विषय है.
सिकल सेल एनीमिया से कब तक मिलेगी मुक्ति?
सिकल सेल एनीमिया से मुक्ति का ये अभियान अमृत काल का प्रमुख मिशन बनेगा. पीएम ने कहा, मुझे पूर्ण विश्वास है कि जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा यानी 2047 तक हम सब मिलकर एक मिशन मोड में अभियान चलाकर इस सिकल सेल एनीमिया से अपने आदिवासियों और देश को मुक्ति दिलाएंगे.
आदिवासियों के लिए कई काम किए
प्रधानमंत्री मोदी ने इस संबोधन के दौरान अपने पुराने वक्त को भी याद किया. पीएम ने कहा, जब मैं पहली बार गुजरात का मुख्यमंत्री बना था, उसके भी बहुत पहले से मैं इस दिशा में प्रयास कर रहा हूं. जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री बना उसके बाद ही मैंने वहां इससे जुड़े कई अभियान शुरू किए. हमारी सरकार का प्रयास है कि बीमारी कम हो, साथ ही बीमारी पर होने वाला खर्च भी कम हो. पहले की सरकारों ने जनजातीय समाज की लगातार उपेक्षा की. हमने अलग आदिवासी मंत्रालय बनाकर इसे अपनी प्राथमिकता बनाया.
‘अस्पतालों में मोदी की गांरटी दिखा देना…’
इस कार्यक्रम में जनता को आयुष्मान कार्ड दिखाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप देश के किसी भी अस्पताल में जाकर इस मोदी की गारंटी वाले कार्ड से 5 लाख तक का इलाज करवा सकते हैं. पीएम ने इसे अपनी गारंटी बताते हुए कहा कि यह मेरी गारंटी है कि इस कार्ड को दिखाने के बाद कोई आपसे इलाज के लिए मना नहीं कर सकता. पीएम ने कहा, ‘आज यहां मध्य प्रदेश में 1 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड दिए गए हैं. अगर किसी गरीब को कभी अस्पताल जाना पड़ा तो यह कार्ड उसकी जेब में 5 लाख रुपये तक के ATM कार्ड का काम करेगा.’
‘जिनकी खुद की गारंटी नहीं, उनसे सावधान रहना’
इसके अलावा गारंटी के मुद्दे पर ही अपनी बात जारी रखते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा. अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि नकली गारंटी वालों से भी आपको सावधान रहना होगा. पीएम ने मुफ्त की योजनाओं वाले विपक्ष के वादों पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनकी खुद की गारंटी नहीं, उनसे सावधान रहना. यहां पीएम मोदी ने कहा कि कुछ नेता आते हैं मुफ्त की चीजों का वादा करते हैं और फिर सुविधाओं को महंगा कर देते हैं.
पीएम मोदी ने कहा, ‘गारंटी की इस चर्चा के बीच आपको झूठी गारंटी देने वालों से भी सावधान रहना है और जिन लोगों की अपनी कोई गारंटी नहीं है, वो आपके पास गारंटी वाली नई-नई स्कीम लेकर आ रहे हैं. उनकी गारंटी में छिपे खोट को पहचान लीजिए, झूठी गारंटी के नाम पर चल रहे उनके धोखे के खेल को भांप लीजिए.’
पीएम ने कहा, इन झूठी गारंटी देने वालों का रवैया हमेशा से आदिवासियों के खिलाफ रहा है. पहले जनजातीय युवाओं के सामने भाषा की बड़ी चुनौती आती थी. लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अब स्थानीय भाषा में पढ़ाई की सुविधा दी गई है. लेकिन झूठी गारंटी देने वाले एक बार फिर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विरोध कर रहे हैं. ये लोग नहीं चाहते कि हमारे आदिवासी भाई-बहनों के बच्चे अपनी भाषा में पढ़ाई कर पाएं.
विपक्षी एकता पर वार
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी एकता पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यह सभी भ्रष्ट और परिवारवादी लोग अब एक साथ आ गए हैं. अब आपको ये सभी जमानत पर रहने वाले लोग एक मंच पर साथ ही दिखाई देंगे.