छतरपुर।  मप्र में मुख्य सचिव की तलाश शुरु हो गई है। वर्तमान मुख्य सचिव इकबाल सिंह वैश्य अक्टूबर माह में रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह प्रदेश के नया सीएस कौन होगा इसकी तलाश शुरु कर दी गई है। यदि प्रदेश में प्रधानमंत्री का आदिवासी एवं दलित एजेंटा चला तो प्रदेश में पहली बार एससीएसटी के आईएएस अधिकारी जेएन कंसोटिया प्रदेश के पहले मुख्य सचिव बन सकते हैं। फिलहाल इस दौड़ में 1989 बैच के कई आईएएस अधिकारी अपनी जुगाड़ लगाने में लगे हुए हैं।

1989 बैच के अनुराग जैन इस समय दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं इसी बैच के मो. सुलेमान खान मप्र में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर स्वास्थ्य मंत्रालय को देख रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इसी बैच के श्री जेएन कंसोटिया मप्र में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर रहते हुए पशु पालन एवं उद्यानिकी विभाग का कार्यभार संभाले हुए हैं। इसके अलावा वह प्रदेश के अजाक्स संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष भी हैं। पूरे देश में इस समय आदिवासी एवं दलित एजेंडा का फार्मूला केन्द्र सरकार में चल रहा है।

देश की राष्ट्रपति आदिवासी महिला श्रीमती द्रोपती मुर्मू को बनाया गया है। आरएसएस के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में नए मुख्य सचिव की तलाश भी एससीएसटी के अधिकारी को बनाए जाने के लिए चल रहा है। विशेषकर इस वर्ष मप्र में चुनाव होना है और ऐसे में दलित एवं आदिवासी वर्ग के लोगों को भाजपा अपनी ओर लाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए प्रदेश के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जो कि एससीएसटी वर्ग से आते हैं इनके आने से भाजपा के वोटबैंक में काफी बढौत्तरी हो सकती है।

फिलहाल मप्र में मुख्य सचिव की कुर्सी पर कौन बैठेगा यह तो आने वाला समय बतलाएगा। परंतु भाजपा इस समय एससीएसटी के वर्ग लोगों को फुल सर्पोट करने में लगी है। 1989 बैच के अभिताभ जैन जो कि मप्र में पूर्व में पदस्थ रहे वर्तमान में छत्तीसगढ़ प्रदेश में मुख्य सचिव के पद पर पदस्थ हैं। ये चारों अधिकारी एक ही बैच के होने के कारण मप्र के तीन आईएएस अधिकारी में से अब प्रदेश का मुख्य सचिव अगला चुनाव कौन कराएगा यह प्रदेश की भाजपा सरकार तय करेगी।