समीक्षा गुप्ता का नाम ग्वालियर की राजनीति में इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। ये वही समीक्षा गुप्ता हैं जिनकी वजह से मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके नारायण सिंह कुशवाह की रातों की नींद उड़ गई है। हालत यह है कि समीक्षा के कारण ग्वालियर में बीजेपी दो फाड़ हो गई है। नारायण सिंह कुशवाह पार्टी से बगावत का बिगुल फूंक चुके हैं।
2010 में जीतीं नगर निगम चुनाव
समीक्षा गुप्ता बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा के गुट की मानी जाती हैं। समीक्षा को साल 2010 में ग्वालियर नगर निगम के चुनाव में टिकट दिया गया था। नगर निगम में ओबीसी महिला सीट आरक्षित हो जाने के बाद समीक्षा को बीजेपी की तरफ से चुनाव मैदान में उतारा गया था। वे जीतीं और ग्वालियर नगर निगम की महापौर बनी थीं।
2018 में बीजेपी से बगावत
पांच साल तक महापौर के पद पर रहने के बाद समीक्षा गुप्ता ने साल 2018 में ग्वालियर दक्षिण विधानसभा से बीजेपी से टिकट मांगा। पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। बीजेपी ने ग्वालियर दक्षिण विधानसभा से अपने प्रत्याशी के रूप में नारायण सिंह कुशवाहा को मैदान में उतार दिया। समीक्षा ने पार्टी से बगावत करते हुए ग्वालियर दक्षिण विधानसभा से निर्दलीय पर्चा भर दिया।
समीक्षा के चलते हारे नारायण
चुनाव में बीजेपी को करारी हार मिली। बीजेपी के प्रत्याशी नारायण सिंह कुशवाह महज 121 वोट से कांग्रेस के प्रत्याशी प्रवीण पाठक से हार गए। इसका ठीकरा समीक्षा गुप्ता पर फोड़ा गया। उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
वापसी के बाद फिर हुईं सक्रिय
हालांकि, कुछ महीने बाद समीक्षा गुप्ता की पार्टी में वापसी हो गई। वे एक बार फिर से पार्टी में सक्रिय हो गईं। अब विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में नारायण सिंह कुशवाह के लिए समीक्षा गुप्ता आंखों की किरकिरी बन गई है।
ग्वालियर दक्षिण से टिकट की दावेदार
खबर है कि समीक्षा गुप्ता एक बार फिर से बीजेपी से ग्वालियर दक्षिण विधानसभा से टिकट मांग रही हैं। इसको लेकर नारायण सिंह कुशवाह काफी आक्रोशित हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया है कि अगर समीक्षा को टिकट दिया गया तो वे पार्टी के लिए काम नहीं करेंगे। उन्होंने यह दावा भी किया है कि समीक्षा गुप्ता को टिकट मिला तो ग्वालियर दक्षिण विधानसभा से कांग्रेस की जीत होगी।
सिंधिया के गढ़ में बीजेपी दो फाड़
नारायण सिंह कुशवाह की इस बयानबाजी से ग्वालियर से लेकर भोपाल तक हड़कंप है। पार्टी दो धड़ों में बंटी हुई दुख रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में इस खींचतान से बीजेपी की किरकिरी हो रही है।
बड़े नेताओं ने साधी चुप्पी
समीक्षा गुप्ता बीजेपी के नेताओं के लिए मुसीबत खड़ी कर चुकी हैं। अभी तक पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता की तरफ से नारायण सिंह कुशवाह के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। खुद समीक्षा ने भी अब तक इस पर चुप्पी साध रखी है।
बीजेपी की मुश्किल- किसे चुने
बीजेपी की मुश्किल यह है कि नारायण सिंह कुशवाह के दावे की अनदेखी नहीं कर सकती। वे पार्टी के पुराने नेता हैं। दूसरी ओर, समीक्षा एक बार बगावत कर चुकी हैं और पार्टी इसका खामियाजा भुगत चुकी है। इस उधेड़बुन के बीच पार्टी का कोई भी फैसला ग्वालियर में बीजेपी के चुनावी प्रदर्शन पर असर डाल सकता है।