इन्दौर। राजस्थान के करौली में तीन दिन पूर्व सडक़ हादसे में मृत इंदौरी देशमुख परिवार के चार सदस्यों की अर्थियां जब आज सुबह एक साथ निकलीं तो पूरे शिवशक्ति नगर के हरेक व्यक्ति ने आंसू बहाए। उन चार अर्थियों को हर घर के व्यक्ति ने कांधे लगाए। तीन दिन पूर्व हुई इस घटना में मारे गए चारों लोगों का आज सयाजी होटल के पीछे स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। जब चारों अर्थियां निकलीं तो महिलाएं और खासकर पड़ोसी अपने आंसुओं को नहीं रोक पाए और फूट-फूटकर रो पड़े।
मिली जानकारी के अनुसार कल शाम करौली में पोस्टमार्टम किए जाने के बाद सभी के शवों को इंदौर लाने के लिए परिजनों के बीच सहमति बन गई थी। इसके बाद शवों को रवाना किया गया था। आज सुबह 8 बजे जैसे ही चारों शव शिवशक्ति नगर पहुंचे तो माहौल गमगीन हो गया। पड़ोस की महिलाएं और पुरुष रिटायर्ड अधिकारी नयन देशमुख और उनके परिवार के सदस्यों की मौत को लेकर दु:खी थे तथा फूट-फूटकर रो रहे थे। क्षेत्र में शोकस्वरूप दुकानें नहीं खुलीं। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में रहवासी व रिश्तेदार शामिल हुए। सयाजी मुक्तिधाम पर देशमुख की पहली पत्नी की बेटी नैना देशमुख ने मुखाग्नि दी। ज्ञात रहे कि तीन दिन पहले देशमुख परिवार के चार सदस्यों और वडोदरा में रहने वाली उनकी बहन की सडक़ हादसे में मौत हो गई थी। बहन प्रीति भट्ट का वडोदरा में अंतिम संस्कार किया गया, जबकि नयन देशमुख, उनकी पत्नी अनीता देशमुख, बेटी मानस्वी तथा बेटे खुश देशमुख का इंदौर में आज तीन दिन बाद अंतिम संस्कार किया गया।
पॉलिथिन में बंधकर आए शव…चेहरा तक नहीं देख पाए लोग
आज सुबह दुर्घटना में मारे गए चार लोगों के शव इंदौर पहुचे, जहां शवों के देखकर माहौल गमगीन हो गया। शवों की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उनको पन्नी में पैक कर लाया गया था। यही कारण रहा की परिजन उनके चेहरे तक नहीं देख पाए। इसके चलते शवयात्रा आधे घंटे के अंदर ही निकाली गई। कुछ दूरी तक शवों को कांधे पर ले जाया गया और फिर शव वाहनों में उनको रवाना किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग शवयात्रा में शामिल हुए थे। इस दौरान शव लेकर आए वाहन चालकों ने पैसे को लेकर परिवार वालों के साथ विवाद भी किया। इसके चलते वहां का माहौल खराब हो गया था। जैसे तैसे शव वाहन चालकों को समझाकर शवों को श्मशान तक रवाना किया गया।