नई दिल्ली, भारतीय रिजर्व बैंक ने सबसे बड़ी करेंसी 2000 रुपये के नोट पर बड़ा फैसला लिया है. रिजर्व बैंक के अनुसार, 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर तो रहेगा, लेकिन इसे सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाएगा. RBI के इस फैसले के बाद पॉलिटिकल रिएक्शन भी सामने आने लगे हैं. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, पीएम मोदी की एक और नोटबंदी. दुख की बात है कि भाजपा सरकार के पास अपनी नीतियों के बारे में स्पष्टता नहीं है.अगर वे इस पर रोक की योजना बना रहे थे, तो उन्होंने 2016 में 2000 के नोट बाजार में क्यों पेश किए? यह बीजेपी की नाकामी से ध्यान भटकाने की कोशिश है.
पी. चिदंबरम का सरकार पर हमला
पी. चिदंबरम ने RBI द्वारा 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने पर कहा, उम्मीद के मुताबिक, सरकार/आरबीआई ने 2000 रुपए के नोट वापस ले लिए हैं और नोटों को बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है.2000 रुपये का नोट एक्सचेंज शायद ही एक लोकप्रिय माध्यम है. हमने नवंबर 2016 में यह कहा था और हम सही साबित हुए हैं.
2000 रुपये के नोट को लाना 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटबंदी के मूर्खतापूर्ण निर्णय को कवर करने के लिए एक बैंड-एड था. नोटबंदी के कुछ सप्ताह बाद, सरकार/RBI को 500 रुपये के नोट को फिर से चलन में लाने के लिए मजबूर होना पड़ा. मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर सरकार/RBI 1000 रुपये के नोट को फिर से लाएगी. नोटबंदी का दौर आ गया है!
जयराम रमेश का ट्वीट
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि तथाकथित स्वयंसेवी विश्वगुरु, पहले करते हैं, फिर सोचते हैं. 8 नवंबर 2016 को तुगलकी फरमान के बाद इतने शोर शराबे से पेश किए गए 2000 रुपये के नोट अब वापस लिए जा रहे हैं.
‘मोदी ने भगोड़े पूंजीपति मित्रों का काम आसान किया’
अलका लांबा ने कहा कि जांच हुई तो नोटबंदी सदी का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा. कालेधन पर हमले के नाम पर 1000 रुपये का नोट बंद कर 2000 रुपया का नोट जारी कर प्रधानमंत्री मोदी ने मात्र अपने भगोड़े पूंजीपति मित्रों का ही काम आसान किया.
अलका लांबा ने कहा, नोटबंदी से पहले देश का पैसा लेकर भागते तो मित्रों (भाइयों) को दोगुने बोरों में पैसा भर भागना पड़ता, परेशानी होती, नोट बंदी के बाद और 2000 रुपये का नोट जारी करने से मित्रों का काम हुआ आसान उससे आधे में ही काम हो गया. अब ना भगोड़े मित्र आए आयेंगे, ना ही कालाधन वापस आयेगा और अब तो 2000 रुपया का नोट भी बाजार से गायब होने जा रहा है.
सौरभ भारद्वाज ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
2000 रुपये के नोट वापसी पर आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पीएम ने नोटबंदी कर नए नोट शुरू करने का चलन शुरू किया था. जब पीएम मोदी ने ऐसा किया था तो लोगों की जान चली गई थी, व्यवसाय चौपट हो गए थे. इसने भ्रष्टाचार, आतंकवाद को खत्म करने में मदद नहीं की. मुझे आशा है कि यह विशेषज्ञों की सिफारिश पर लिया गया निर्णय है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के बैंकों को सलाह दी है कि 2000 रुपये के मूल्य के नोट को तत्काल प्रभाव से जारी करना बंद कर दिया जाए. ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत रिजर्व बैंक ने ये फैसला लिया है.30 सितंबर 2023 तक 2000 रुपये के नोटों को बैंक में जमा कराया जा सकता है. रिजर्व बैंक अनुसार, 23 मई 2023 से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के नोटों से बदले जा सकते हैं. नोट बदलने की सीमा 20,000 रुपये है.
रिजर्व बैंक ने साल 2016 में हुई नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को जारी किया था. पिछले कुछ महीने से मार्केट में 2000 रुपये के नोट कम नजर आ रहे थे. लोगों का कहना था कि एटीएम से भी 2000 रुपये नोट नहीं निकल रहे हैं. इस संबंध में सरकार ने संसद में भी जानकारी दी थी.