जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानियों के वीजा रद्द करने का फैसला लिया है और उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया है। यह कदम देश में आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का हिस्सा है, खासकर जब आतंकवादियों के हमले में 27 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी। वहीं इस बड़े हमले के बाद भारत सरकार ने यह आदेश जारी किया कि 27 अप्रैल तक सभी पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का आदेश है। इस आदेश से भारत में रह रहे पाकिस्तानियों के बीच हड़कंप मच गया है। कई पाकिस्तानियों ने वतन लौटने के लिए अपनी योजना बना ली है, लेकिन एक खास वर्ग के लोगों को इस आदेश के बाद कई तरह के असमंजस का सामना करना पड़ रहा है।

शादीशुदा महिलाओं की दुविधा

इस आदेश के बाद सबसे ज्यादा परेशानी उन महिलाओं को हो रही है जो पाकिस्तान से शादी करके भारत आईं हैं। ऐसी एक लड़की ने 13 दिन पहले भारत में शादी की थी और अब उसका कहना है कि वह पाकिस्तान नहीं जाएगी, भले ही इसके लिए उसे अपनी जान क्यों न देनी पड़े। यह स्थिति उन महिलाओं के लिए काफी जटिल हो गई है, क्योंकि उन्हें अपने जीवनसाथी के साथ भारत में ही रहना है और उन्हें पाकिस्तान लौटने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

कड़े फैसले और वीजा रद्दीकरण

भारत सरकार की कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने यह निर्णय लिया है कि पाकिस्तानियों के वीजा को रद्द किया जाएगा। करीब 13 कैटेगरी के वीजा रद्द किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश को भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाना है और देश में सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। हालांकि, मेडिकल वीजा पर आने वाले पाकिस्तानियों को 29 अप्रैल तक का समय दिया गया है।

भारत का कड़ा संदेश

भारत सरकार का यह कदम पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश है कि भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पाकिस्तान के खिलाफ यह कदम उस समय उठाया गया है जब कश्मीर में शांति कायम करने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन आतंकवादियों ने इसे फिर से बिगाड़ने की कोशिश की।

यह कदम न केवल पाकिस्तानियों के लिए एक बड़ा बदलाव है, बल्कि यह भारत सरकार के आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कड़े कदमों का हिस्सा भी है। भारत में रह रहे पाकिस्तानियों के लिए यह एक कठिन समय है, खासकर उन महिलाओं के लिए जिन्होंने शादी के बाद भारत में बसने का निर्णय लिया था। यह स्थिति दोनों देशों के रिश्तों में और तनाव बढ़ाने वाली हो सकती है, लेकिन भारत सरकार के लिए सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है।