खाली बैठने को हमेशा से बुरा माना जाता रहा है. इससे न सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है बल्कि खाली बैठने से हमारी मेंटल हेल्थ भी खराब होती है. लेकिन हाल ही में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि हर अलग अलग कार्य के लिए बैठे रहना समान नहीं है, यानी कि अगर आप डेस्क पर काम करने के लिए या गाड़ी चलाने के लिए बैठ रहे है तो ये टीवी के सामने बिताए समय से बिल्कुल अलग है. क्योंकि इन तीनों ही स्थितियों में दिमाग और शरीर का इस्तेमाल अलग-अलग ढंग से किया गया है. टीवी से डिप्रेशन का खतरा 43 फीसदी, डेस्क पर बैठकर काम करने या गाड़ी चलाने के विपरीत टीवी देखने के लिए बैठे रहने से डिप्रेशन का खतरा 43 फीसदी तक बढ़ता है.इसलिए हमेशा कहा जाता है कि हमें स्वस्थ रहने के लिए हमेशा फिजिकल एक्टिव रहना चाहिए. फिजिकली एक्टिव रहने से हमें हार्ट हेल्थ, ब्लड प्रेशर और मोटापे का कम खतरा रहता है.
अब इस शोध के जरिए ये साबित हो गया है बैठे रहने से जहां इन सभी बीमारियों का खतरा बढ़ता है वहीं खाली बैठने से और कुछ न करने से हमें स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है. लेकिन जैसा कि हमने ऊपर भी बताया की सभी प्रकार का बैठना एक समान नही है.
मोटापा भी डिप्रेशन का कारण- यूके में हुई इस स्टडी में पाया कि मेंटली एक्टिव बैठने के विपरीत टीवी देखने से लोगों में डिप्रेशन का खतरा 43 फीसदी ज्यादा है. अगर आप बैठकर मेंटली एक्टिव भी है तो इससे आपको कम नुकसान है. लेकिन आप टीवी देखने जैसे मानसिक तौर पर निष्क्रिय काम करते है तो आपको मेंटल इश्यू ज्यादा हो सकते है. मोटापा भी आपमें अवसाद का कारण बन सकता है इसलिए फिजिकली एक्टिव रहना ही सेहतमंद रहने की गारंटी है.
डिप्रेशन से ऐसे बचें
– हमेशा फिजिकली एक्टिव रहें
– मेंटली एक्टिव रहना भी जरूरी है
– टीवी देखने का टाइम सुनिश्चित करें, घंटों-घंटों टीवी ना देखें
– रोजाना आधे घंटे एक्सरसाइज करें
– मोटापे, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को कंट्रोल करें