नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन ने समानता और न्याय को एक दूसरे का पूरक बताते हुए कहा है कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए एक जीवंत न्यायपालिका आवश्यक है तथा इसके लिए वह सरकार से सहयोग और समर्थन चाहते हैं।

  न्यायमूर्ति रमन ने शनिवार को यहां राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा छह सप्ताह (गांधी जयंती से पंडित जवाहर लाल नेहरू जयंती) के देशव्यापी कानूनी जागरूकता अभियान शुरू किये जाने के अवसर पर ये विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि संविधान की परिकल्पना के अनुसार समान सामाजिक-आर्थिक न्याय का लक्ष्य हासिल करने के लिए देश के कोने-कोने तक कानूनी जागरूकता फैलाना समय की मांग है। कमजोर वर्ग के लोग भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे तभी वे अपना भविष्य खुद बना सकते हैं।  

उन्होंने कहा कि लोगों को सशक्त और सक्षम बनाना ही स्वतंत्रता की असली कुंजी है। यही असमानता से मुक्ति का रास्ता है। समानता एवं न्याय तक पहुंच के बिना समावेशी और सतत विकास का लक्ष्य हासिल करना असंभव होगा। कमजोर वर्ग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे तभी वे अपना भविष्य खुद बना सकते हैं।

  उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माता भारत के सामाजिक-आर्थिक वास्तविकता से अच्छी तरह वाकिफ थे। इसलिए उन्होंने एक ऐसी कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना की थी, जहां किसी को भी जीवन की बुनियादी जरूरतों से वंचित न रखा जाए। उन अधिकारों की रक्षा के लिए हम सभी को कानून के समक्ष समान संरक्षण और समानता प्रदान की गई। लेकिन जब तक कमजोर वर्ग अपने अधिकारों को लागू नहीं कर पायेगा तब तक समान न्याय की इस गारंटी का कोई मतलब नहीं है।

  मुख्य न्यायाधीश ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि आज का दिन न केवल भारत के लिए, बल्कि दुनिया के लिए भी एक ऐतिहासिक है। बापू की शिक्षाओं और दर्शन ने न केवल एक स्वतंत्र, सहिष्णु और आत्मनिर्भर देश का रास्ता दिखाया, बल्कि कई आधुनिक सभ्यताओं को भी आकार दिया। यही वजह है कि आज भी उनका दर्शन मानवता को बेहतर कल की ओर ले जाने में सक्षम हैं।

  उन्होंने कहा कि न्यायालयों में न्यायाधीशों की कमी दूर करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उनके मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद मई से लेकर अब तक उनके नेतृत्व में शीर्ष अदालत की ओर से विभिन्न उच्च न्यायालयों के लिए 106 न्यायाधीशों तथा नौ नए मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश की गई है। सरकार ने अब तक 106 में से सात न्यायाधीशों तथा नौ मुख्य न्यायाधीशों में से एक नाम को मंजूरी दी है। उम्मीद है कि सरकार बाकी नामों को जल्द ही मंजूरी देगी। 

  उन्होंने इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एवं केंद्रीय कानून मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति खानविलकर दृवारा राष्ट्रीय स्तर पर कानूनी जागरूकता फैलाने के अभियान में सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *