आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रम “उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य @2047 के अवसर पर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि बिजली का उपयोग बहुत सहूलियत से करें, जितना जरुरी है उतना ही करें, इसके लिये हमें खुद जागरूक होने के साथ ही आमजन को भी जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि आज हम खपत से ज्यादा बिजली उत्पादन कर रहे हैं। प्रदेश आज तेजी से विकास की दिशा में बढ़ रहा है तो इसमें ऊर्जा क्षेत्र में हुए बेहतर कार्यों का बड़ा योगदान है। विकास के पहिये निरंतर चलते रहें इसलिये बिजली उत्पादन महत्वपूर्ण है।
बाल भवन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम “उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य @2047 में प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि देशभर में विद्युत क्षेत्र में हुई प्रमुख उपलब्धियों को उजागर करने के लिए अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। सरकार द्वारा नवीकरण ऊर्जा के रूप में कृषि व घरेलू उपयोग के लिए कुसुम योजना, पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, सोलर पैनल, सोलर पम्प योजना से किसानों व ग्रामीणों को लाभान्वित कर रही है। इसके साथ ही मीथेन गैस से विद्युत उत्पादन को बडाने के लिये 2047 तक का लक्ष्य तय किया गया है।
उन्होंने बताया कि उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य के तहत आयोजित कार्यक्रमों में बिजली के महत्व, संरक्षण और ऊर्जा साक्षरता के बारे में नुक्कड़ नाटक आदि से बिजली उपभोक्ताओं को जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रमों में आजादी के अमृत महोत्सव के साथ ऊर्जा के महत्व और उपलब्धियों से भी अवगत कराया जा रहा है। साथ ही कहा कि ग्वालियर नागरिक ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा का प्लांट घरों पर लगायें, इसके लिये व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए।
इसके साथ ही पिछले दिनों स्कूलों में ऊर्जा संरक्षण को लेकर निबंध प्रतियोगिता एवं नुकड नाटक के आयोजन किये गए थे। जिस पर विजयी छात्रों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही रेडियंट स्कूल के छात्रों ने ऊर्जा संरक्षण को लेकर नुकड नाटक की प्रस्तुती दी। इसके साथ ही ऊर्जा सरंक्षण को लेकर लघु फिल्म का प्रसारण किया गया।
कार्यक्रम में मंडल अध्यक्ष प्रयाग तोमर, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के मानसेवी सचिव प्रवीण अग्रवाल, मुख्य महाप्रबंधक राजीव गुप्ता, महाप्रबंधक नितिन मांगलिक, ऊर्जा विकास निगम के कार्यपालन यंत्री संजय थोराट सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
प्रदेश में बिजली क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ
• अटल गृह ज्योति योजना में घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घण्टे बिजली।
• वर्तमान में बिजली की कुल अनुबंधित क्षमता 22 हजार 672 मेगावाट।
• वर्तमान अति उच्च दाब लाइनें 41 हजार 431 कि.मी.।
• सौभाग्य योजना में प्रदेश में 19 लाख घरों को बिजली कनेक्शन।
• विगत 10 वर्षों में विभिन्न योजनाओं में 30 हजार करोड़ रूपये से अधिक के बिजली से संबंधित कार्य कराए गए।
• गैर पारम्परिक ऊर्जा स्त्रोतों की अनुबंधित क्षमता 6 हजार 38 मेगावाट।
देश की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ
• क़रीब 1 लाख 69 हजार मेगावाट क्षमता स्थापित। पहली बार देश बिजली की कमी वाला देश होने के बजाय बिजली की अधिकता वाला देश बना।
• करीब 1 लाख 60 हजार कि.मी. लंबी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण कर पूरे देश को एक ग्रिड में जोड़ दिया गया। आज भारत पूरी दुनिया में सबसे अधिक ट्रांसमिशन लाइन क्षमता वाला देश। इस अवधि में देश ने सबसे अधिक ट्रांसमिशन क्षमता स्थापित करने का नया कीर्तिमान स्थापित किया।
• देश के हर गाँव और हर घर को बिजली से जोड़ा गया।
• क़रीब 2 लाख 2 हजार करोड़ रूपये के ख़र्च से पूरी विद्युत वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया गया।
• आज देश में औसतन क़रीब साढ़े 22 घंटे प्रतिदिन विद्युत आपूर्ति, जो वर्ष 2014 तक सिर्फ़ 12 घंटे प्रतिदिन थी।
• ग़ैर पारंपरिक ऊर्जा के क्षेत्र में देश की क्षमता पिछले आठ वर्षों में दोगुनी हुई। कुल स्थापित क्षमता का क़रीब 40 प्रतिशत भाग ग़ैर-पारंपरिक ऊर्जा पर आधारित।
• ग़ैर पारंपरिक ऊर्जा पर आधारित कुल क्षमता 76 हजार मेगावाट से बढ़ कर 1 लाख 60 हजार मेगावाट हुई। पूरे विश्व में देश चौथे स्थान पर।