मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को लखीमपुर घटना की जालियावाला कांड से तुलना करते हुए कहा कि लोग भाजपा को उसकी (सही) जगह दिखा देंगे और पार्टी को लखीमपुर घटना की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। हिंसा को ‘किसानों पर हमला’ करार देते हुए पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों पर इसकी जिम्मेदारी बनती है और ‘‘लोग उसे (भाजपा को) उसकी (सही) जगह दिखा देंगे। रविवार को हुई घटना पर उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘चाहे, यह केंद्र की सरकार हो या उत्तर प्रदेश की सरकार, वह थोड़ी भी संवेदनशील नहीं है। जिस प्रकार की स्थिति जालियावाला बाग में पैदा की गई थी, उसी प्रकार की स्थिति हम उत्तर प्रदेश में देख रहे हैं। आज नहीं तो कल उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी ही पड़ेगी।’’ रविवार को हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी।
घटना में हुई मौतों पर दुख जाहिर करते हुए पवार ने किसानों को आश्वासन दिया कि विपक्ष उनके साथ खड़ा है और वह जल्दी ही कोई फैसला लेगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जज से जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा, मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि वे किसानों की आवाज को कुचलने में कामयाब नहीं हो पाएंगे। पूरे देश के किसान एकजुट हैं और वे सरकार में बैठे लोगों द्वारा सत्ता के इस दुरूपयोग के खिलाफ संघर्ष करेंगे।NCP प्रमुख ने भाजपा सरकारों पर ‘असंवेदनशील’ होने का आरोप लगाया और कहा कि ‘ वे तो किसानों की मौत पर दुख प्रकट करने के लिए भी तैयार नहीं हैं।’’ उन्होंने सांसदों, मुख्यमंत्रियों समेत विपक्षी नेताओं को लखीमपुर जाने से रोकने पर उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र में उनके मौलिक अधिकारों की हत्या करने जैसा है। पवार ने कहा, ‘‘यह एक या दो दिन किया जा सकता है लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चल सकता। लोग उन्हें उनकी (सही) जगह दिखा देंगे।’’
शिवसेना नेता संजय राउत ने भी मंगलवार को इस घटना के खिलाफ राजनीतिक दलों की संयुक्त कार्रवाई का आह्वान किया था। राउत ने कहा, ‘‘लखीमपुर खीरी हिंसा से राष्ट्र की आत्मा हिल गई है, प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश सरकार ने गिरफ्तार कर लिया, विपक्षी नेताओं को किसानों से नहीं मिलने दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में सरकार के दमन के खिलाफ संयुक्त विपक्षी कार्रवाई की जरूरत है। लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान आठ लोग मारे गए। मारे गए लोगों में चार किसान थे, जिन्हें भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा चलाए जा रहे वाहनों से कथित रूप से कुचलकर मार दिया गया। अन्य भाजपा कार्यकर्ता और एक ड्राइवर था, जिन्हें प्रदर्शनकारियों ने कथित रूप से वाहन से खींचकर बाहर निकला और पीट-पीटकर मार डाला।