लखनऊ . होनहार छात्रा सुदीक्षा भाटी की मौत की जांच कर रही बुलंदशहर पुलिस ने चौंकाने वाला बयान दिया है. पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान सुदीक्षा से छेड़छाड़ का कोई सबूत नहीं मिला है. तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि छात्रा एक बड़ी छात्रवृत्ति पर थी और लोगों ने बीमा के पैसे के बारे में सोचा. पुलिस ने कहा है कि सुदीक्षा की बाइक चाचा नहीं बल्कि उसका चचेरा भाई चला रहा था जिसने अभी हाई स्कूल पास किया है. वह शायद नाबालिग है.
एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि जब 10 अगस्त को यह दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना हुई, तो सुदीक्षा भाटी के भाई जो संभवतः एक नाबालिग हैं, वह मोटरसाइकिल चला रहे थे. इस मामले में एक चश्मदीद हेमंत शर्मा ने कहा कि सामने से एक टैंकर आ रहा था, इसलिए बुलेट चला रहे व्यक्ति को ब्रेक लगाना पड़ा. जिस बाइक पर सुदीक्षा बैठी थीं वो पीछे से बुलेट से टकरा गई. घटना में सुदीक्षा के सिर में गंभीर चोट आई, जिससे बाद में उनकी मौत हो गई. एसएसपी ने कहा कि पुलिस को दिए एक आवेदन में सुदीक्षा के चचेरे भाई ने छेड़छाड़ का जिक्र नहीं किया. उनके अनुसार जिस बाइक वह चला रहे थे उसका संतुलन खो गया और ब्रेक लगाने के बाद गिर गई. हालांकि उन्होंने आवेदन वापस ले लिया और कहा कि अंतिम लिखित शिकायत परिवार के सदस्यों द्वारा दी जाएगी.
पुलिस अधिकारी ने उस बात को भी गलत करार दिया जिसमें परिवार के सदस्यों ने कहा कि दुर्घटना के समय सुदीक्षा के चाचा सतेंद्र भाटी बाइक चला रहे थे. उन्होंने कहा कि जब एक झूठ को 50 बार दोहराया जाता है, तो वो सच की तरह दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि दुर्घटना बुलंदशहर में सुबह 8.50 बजे हुई थी और सुदीक्षा के चाचा का मोबाइल का लोकेशन 9.17 बजे दादरी था. असल में सतेंद्र भाटी घटनास्थल पर 10.49 बजे पहुंचे. तथ्यों को घुमाया जा रहा है, क्योंकि गांव के लोग बीमा के बारे में सोच रहे थे.
एसएसपी ने कहा कि हमें अपनी जांच में छेड़छाड़ के कोई सबूत नहीं मिले. यहां तक कि चश्मदीद ने भी ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है. एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने हालांकि ये भी कहा कि 5 अलग-अलग टीमें मामले की जांच कर रही हैं और यदि जांच के दौरान छेड़छाड़ के सबूत मिलते हैं तो हम संबंधित धाराओं को जोड़ेंगे.
सुदीक्षा भाटी के परिवार ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि जब वह बाइक पर अपने चाचा के साथ जा रही थी, तभी बुलेट पर मौजूद दो लोग उनका पीछा करने लगे. सतेंद्र भाटी ने कहा कि वे सुदीक्षा पर टिप्पणी कर रहे थे और उसे ओवरटेक करने की कोशिश कर रहे थे. अचानक उनकी मोटरसाइकिल की टक्कर उस बाइक से होती है जिस पर सुदीक्षा बैठी थी.