आगरा। उत्तर प्रदेश में आगरा के मलपुरा क्षेत्र में बुधवार तड़के हाईजैक की गई बस इटावा के बलरई इलाके लखेरे कुएं के पास एक ढाबे से लावारिस हालात में खड़ी पाई गयी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि एक व्यक्ति बस को लाकर छोड़ गया है। आगरा पुलिस से संपर्क स्थापित करके गहनता से जांच की जा रही है। 

  इटावा में एक ढाबे से बस के बरामद होने के बाद पुलिस अफसर मौका ए वारदात पर पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच करने में जुटे हुए हैं। जांच रिपोर्ट को आगरा के पुलिस अफसरों को साथ में साझा कर रहे हैं क्योंकि घटनास्थल आगरा है इसलिए इटावा की पुलिस बस की बरामदगी के बाद उससे जुड़े हुए तथ्यों को आगरा पुलिस को अवगत कराने में जुटी हुई है।  

इटावा में मिली बस कल्पना ट्रैवल से जुड़ी हुई है। बस का नंबर यूपी 75 एम 3516 है। पुलिस बस से जुड़ी हुई सारी जानकारी एकत्र कर रही है। इटावा के नंबर की यह बस दीपा अरोरा के नाम परिवहन विभाग में दर्ज है। इससे पहले आगरा के एसएसपी बबलू कुमार ने कहा था कि बस यात्रियों तक पुलिस पहुंच गई है। सभी यात्री मध्य प्रदेश के पास सुरक्षित मिले हैं। पुलिस ने यात्रियों से बात की है और चिंता की कोई बात नहीं है। बस को इटावा से बरामद किया गया है।  

शुरुआती तौर पर यह जानकारी आ रही थी कि फाइनैंस कंपनी के कर्मचारियों ने सवारियों से भरी बस को हाईजैक किया। बाद में बताया गया है कि लेन-देन के विवाद में वारदात को अंजाम दिया गया। आगरा के थाना मलपुरा क्षेत्र में अज्ञात कार सवारों ने बस के ड्राइवर और कंडक्टर को उतारकर बस को अगवा किया था।  

बस के सभी यात्री मध्य प्रदेश के छतरपुर में सकुशल मिले हैं। आगरा के एसएसपी ने बताया कि बस यात्रियों तक आगरा पुलिस पहुंच गई है। पुलिस ने यात्रियों से बात की है और चिंता की कोई बात नहीं है। फाइनैंस कर्मियों ने बस को हाईजैक नहीं किया था। 

सूत्रों ने बताया कि फिरोजाबाद के प्रदीप गुप्ता नाम के शख्स ने बस को अगवा कराया था। प्रदीप का बस मालिक से लेन-देन का विवाद था। बस मालिक की मंगलवार को कोरोना से मौत हो गई थी। ऐसे में प्रदीप गुप्ता को लगा कि उन्हें बकाया पैसा नहीं मिलेगा। इसलिए बस अगवा किया गया। उधर बस के यात्री छतरपुर में मिले हैं। उनसे बातचीत की गई है।  

आगरा के एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि ग्वालियर के तीन लोगों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि जिस बस में वे गुरुग्राम से मध्य प्रदेश के पन्ना जा रहे थे उसे फाइनैंस कंपनी के कर्मचारियों ने अगवा कर लिया। कंपनी ने ही बस को फाइनैंस किया था। लेकिन बाद में बस पर फाइनेंस की बात पूरी तरीके से खारिज हो गई। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने आगरा बस हाईजैक मामले में बताया कि फाइनैंस कंपनी ने गैर कानूनी तरीके से बस को जब्त कर लिया था। ड्राइवर और बस में सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं।   

मलपुरा क्षेत्र के न्यू दक्षिणी बाईपास पर बुधवार तड़के ग्वालियर से आई बस को 34 सवारियों समेत हाईजैक किये जाने की सूचना मिली थी। मामले की जांच में बस मालिक द्वारा किश्तें न चुकाने का पता चला। ग्वालियर की बस गुरुग्राम से मध्य प्रदेश के लिए चली थी। बस में 34 सवारियां और के अलावा ड्राइवर और दो कंडक्टर मौजूद थे। तड़के ड्राइवर और कंडक्टर ने पुलिस को सूचना दी कि कार सवार युवकों ने खुद को फाइनैंसकर्मी बताकर गाड़ी रुकवाई और सवारियों समेत बस को लेकर फरार हो गए।  

फाइनेंसकर्मियों ने आगरा के एत्मादपुर इलाके के कुबेरपुर के पास एक ढाबे पर ड्राइवर और दोनों कंडक्टरों को उतार दिया गया। आरोपियों ने उन्हें किराये के लिए तीन-तीन सौ रुपये दिए और ढाबे पर खाना खिलाकर वहीं छोड़ दिया। इसके बाद वे बस लेकर चले गए।

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