भोपाल।  मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित राशन की दुकानों में परिवहन व्यवस्था अब ठेकेदारों से छिनने वाली है। यह काम प्रदेश के बेरोजगारों को दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेशभर में नौ सौ गाड़ियां लगाई जाएंगी और हर महीने बेरोजगारों को बीस करोड़ रुपए से अधिक किराए के रूप में मिल सकेंगे।

राज्य सरकार ने प्रदेश के 89 आदिवासी ब्लाकों में राशन आपके द्वार योजना में पहली बार यह प्रयोग किया था और अनुसूचित जाति, जनजाति के युवाओं को यहां सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों पर गोदामों से राशन पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके लिए राज्य सरकार ने वाहन खरीदने खुद बेरोजगारों को बैंको से कर्ज दिलाया था। उन्हें हर माह किराये की गारंटी भी दी गई थी। इस योजना का अच्छा प्रतिसाद मिला। कई युवाओं को रोजगार मिला और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में निजी ठेकेदारों का वर्चस्व भी खत्म हो गया। अब इसे राज्य सरकार पूरे प्रदेश में लागू करने जा रही है।

इस योजना के तहत पूरे प्रदेश में नौ सौ गाड़िया खरीदी जाएंगी। ये गांिड़यां राज्य सरकार की गारंटी पर बैंको से कर्ज के जरिए खरीदी जाएंगी। इन वाहनों से प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की खाद्य सामग्री गोदामों से प्रदेश की 26 हजार उचित मूल्य की दुकानों तक पहुंचाई जाएगी। प्रदेश भर में अभी इस काम को कर रहे निजी परिवहनकर्ता ठेकेदारों को बीस करोड़ रुपए का मासिक भाड़ा मिलता है। यह भाड़ा अब युवा बेरोजगारों को मिलेगा। इस योजना का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इस योजना में वाहन लेकर राशन की दुकानों तक हर माह राशन पहुंचाने की जिम्मेदारी सामान्य वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग सहित सभी वर्गो के युवा बेरोजगारों को मिल सकेगा।

इसके लिए प्रदेश के पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना से न केवल बेरोजगारों को रोजगार की राह आसान होगी वहीं प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की परिवहन व्यवस्था में होंने वाली गड़बड़ियों पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। इस योजना के तहत जल्द ही बेरोजगारों से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।