भोपाल।  मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लगातार प्रदेश की छवि को देश और विदेश में बेहतर करने के लिए प्रयासरत रहती हैं। उमा कई बार मंच से और अलग-अलग जगहों पर प्रदेश को कैसे बेहतर बनाया जाएगा इसकी चर्चा करती नजर आती है। इतना ही नहीं वे अभी हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नीतियों और विकास कार्यों की तारीफ करते हुए भी नजर आई। उन्होंने शिवराज सरकार द्वारा चलाए गए नशा मुक्ति अभियान का भी भरसक समर्थन किया है।

सीएम शिवराज का किया अभिनंदन

उमा भारती ने अभी हाल ही में अपने किए मध्य प्रदेश दौरे की कुछ बातों को टि्वटर हैंडल के माध्यम से जनता के बीच रखा है। उन्होंने अपने भ्रमण को और हाल ही में दिए गए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान को जोड़कर अपनी बात सभी के सामने रखी है। सबसे पहले तो उन्होंने शिवराज सिंह चौहान का अभिनंदन किया और कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री ने इस बात को स्वीकार किया है कि अफसरों द्वारा हमारे सामने प्रजेंट की गई तस्वीर देखने में सुंदर तो होती है लेकिन सच्चाई से दूर होती है। ऐसी ही कुछ स्थितियां मैंने अपने मध्यप्रदेश भ्रमण के दौरान देखीं।

अमरकंटक और डिंडोरी का दिया उदाहरण

उदाहरण देते हुए उमा ने बताया कि अमरकंटक में भ्रमण के दौरान उन्होंने देखा कि कबीर चौरा पर महीनों से बिजली की व्यवस्था नहीं थी। जब उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय फोन किया तब वहां बिजली आई। अधिकारियों का कहना था कि बिजली मात्र 24 घंटे से बंद की जबकि सच्चाई से कोसों दूर है। इतना ही नहीं मुझे वहां पर लोगों ने यह भी जानकारी दी की कुछ वर्ष पहले हमारी ही सरकार के कार्यकाल में वन विभाग ने बहुमूल्य 50000 साल वृक्षों को बीमारी का कारण बताकर काटने का फैसला लिया। लेकिन जानकारी के अनुसार उनके द्वारा केवल 50,000 नहीं बल्कि पूरे 200000 साल वृक्षों को काटा गया है। इस भैया आपने सच पर जांच बैठाई जानी चाहिए। इसके बाद उन्होंने डिंडोरी जिले में एक शराब दुकान का मुद्दा बताया। उन्होंने बताया कि जिले के शाहपुर की शराब दुकान अब भी स्कूल की 50 मीटर परिधि के अंदर संचालित हो रही है। जबकि मुख्यमंत्री उसे वहां से हटाने का आदेश दे चुके हैं।

विकास के लिए क्या है ज़रूरी

पार्टी संगठन की बात करते हुए उमा भारती ने लिखा कि हमें सभी पर भरोसा करना होगा चाहे वह कार्यकर्ता हो, विधायक हो, सांसद हो या संगठन हो। यह करने के लिए कार्यकर्ता को आंख, ब्यूरोक्रेसी को हाथ, सरकार को पाऊं और मुख्यमंत्री को मुख बनना होगा। ऐसा करने से न केवल सत्य प्रत्यक्ष होगा बल्कि उचित कार्यवाही भी होगी और निश्चित रूप से विकास की जड़ मजबूत होंगी। आखिर में उमा ने मुखिया कैसा होना चाहिए को लेकर तुलसी दास के दोहे के माध्यम से समझाया और लिखा ” मुखिआ मुखु सो चाहिऐ, खान पान कहुँ एक। पालइ पोषइ सकल अँग, तुलसी सहित बिबेक।”