भोपाल. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने अपनी ही सरकार के खिलाफ डंडा उठाने की तैयारी कर ली है. वे शराबबंदी के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि वे 15 जनवरी के बाद सड़कों पर उतरेंगी. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जनजागरूकता के लिए 6 महीने का समय दिया है. इसके बाद शराबबंदी में सुधार नहीं हुआ तो वे डंडा सड़कों पर निकलेंगी.
प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि शराबबंदी को लेकर होने वाले 10 हजार करोड़ के नुकसान की भरपाई के लिए वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर फॉर्मूला बताएंगी. बीजेपी की वरिष्ठ नेता ने कहा कि कोरोना में शराबबंदी के बीच प्रदेश में कोई मौत नहीं हुई, लेकिन उसके बाद मिली छूट में शराब पीकर लोगों की मौत हुई. शराबबंदी अभियान को लेकर उमा महिलाओं से मिलेंगी और आगामी रणनीति पर चर्चा करेंगी.
उमा भारती ने मुख्यमंत्री और बीजेपी संगठन के उस बयान को खारिज कर दिया जिसमें जागरूकता अभियान से शराबबंदी होने की बात कही गई है. शराबबंदी के साथ ही वे चाहती हैं कि केन-बेतवा लिंक परियोजना को भी जल्द शुरू किया जाए. गंगा के सफाई अभियान पर उमा भारती ने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार को एंपावर्ड अथॉरिटी बनाना चाहिए. संसद में एंपावर्ड कमेटी को मंजूरी दी जाना चाहिए. गंगा मंत्रालय को लेकर उनका कई विभागों से विवाद है. इस मसले पर उत्तराखंड सरकार के साथ भी उनके विवाद हैं.
उमा भारती ने कहा कि वे तब तक राजनीति में सक्रिय नहीं होंगी, जब तक गंगा की निर्मलता को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए जाते. वे फिलहाल संगठन में कोई जिम्मेदारी नहीं लेंगी. जब तक अथॉरिटी का गठन नहीं होता तब तक वे राजनीति नहीं करेंगी. उमा भारती ने मेट्रो की तरह गंगा अथॉरिटी बनाए जाने की मांग की है. गौरतलब है कि इससे पहले भी उमा भारती शराबबंदी को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हो चुकी हैं. लेकिन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के बाद उन्होंने शराबबंदी के लिए जन जागरूकता अभियान का समर्थन किया था. लेकिन, अब उन्होंने साफ कर दिया है कि जन जागरूकता अभियान से नहीं बल्कि शराबबंदी का कानून बनाकर ही उसको रोका जा सकता है. उनका कहना है कि सीएम शिवराज के प्रति उनके मन में हमेशा सम्मान रहता है. शराबबंदी पर मैंने उनको कई बार सुझाव दिए हैं, लेकिन अब इसके लिए सख्त कानून बनाए जाने की जरूरत है.