उज्जैन। दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रो में भी हालात बिगड़ रहे हैं। एक ओर मां शिप्रा उफान पर नजर आ रही है तो वहीं दूसरी ओर जिले के बड़नगर के सेमलिया गांव से एक बड़ी खबर यह भी है कि यहां पर फंसी एक गर्भवती महिला और दो अन्य लोगों को निकालने के लिए उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने हेलीकाप्टर की मदद ली है।
उज्जैन जिले की बड़नगर तहसील में चामला नदी भी बाढ़ के कारण उफान पर है. चमला नदी में अचानक जल स्तर बढ़ जाने की वजह से सेमलिया गांव में रहने वाले एक परिवार के दो सदस्य बाहर नहीं निकाल पाए. महिला फरजाना गर्भवती होने की वजह से घर छोड़कर बाहर नहीं जा पाई. इसी वजह से उनके पति आशिक ने भी उनके साथ रहने का मन बना लिया. दोनों पति-पत्नी घर की छत पर चढ़ गए.
इस बीच पानी ने मकान को चारों तरफ से घेर लिया. बारिश का पानी घर के आसपास जमा हो जाने के बाद दोनों ही मकान में फंस गए. बड़नगर तहसीलदार मीना राय ने बताया कि दोनों को रेस्क्यू करने के लिए हेलीकॉप्टर बुलवाया गया. उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के मुताबिक भोपाल में जब दंपति के फंसे होने की जानकारी दी गई तो नागपुर से एक हेलीकॉप्टर इंदौर होते हुए सेमलिया पहुंचा. सेमलिया में बड़ी कठिनाई के साथ दोनों को रेस्क्यू कर बाहर निकल गया.
सेमलिया में मकान की छत पर दंपति मदद मांगते रहे लेकिन उन्हें किसी और माध्यम से किनारे लाना संभव नहीं हो पाया. हालांकि इस बीच काफी मशक्कत के चलते ग्रामीणों की मदद से गर्भवती महिला के लिए दवाई जरूर पहुंचा दी गई थी. ग्रामीणों के मुताबिक मकान कमजोर होने की वजह से उसके गिरने का भी डर बना हुआ था, इसलिए दंपति को जल्द ही निकालने के लिए बार-बार प्रयास किया जा रहे थे.
बड़नगर में नहीं उतर पाया हेलीकॉप्टर
आशिक और उनकी पत्नी फरजाना को हेलीकॉप्टर की मदद से निकाला गया लेकिन मौसम खराब होने की वजह से दोनों को बड़नगर नहीं उतर जा सका. तहसीलदार माला राय ने बताया कि बड़नगर में हेलीकॉप्टर उतरने के इंतजाम किए गए थे.. मौसम की खराबी की वजह से दोनों को रेस्क्यू कर हेलीकॉप्टर इंदौर की ओर वापस रवाना हो गया.