बठिंडा के गुरुद्वारा कलगीधर साहिब में दो लड़कियों के आनंद कारज यानी शादी कराने पर विवाद हो गया है. इस मामले में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) समेत कई सिख संगठनों ने विरोध जताया है. गुरुद्वारा साहिब पहुंचे सिख संगठनों ने लड़कियों की शादी करवाने वाले ग्रंथियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए तख्त श्री दमदमा साहिब में शिकायत की है.

सिख संगठनों ने ग्रंथियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग की है. उन्होंने ग्रंथी को उनके पद से भी हटाने की मांग की. मिली जानकारी के मुताबिक, 18 सितंबर को गुरुद्वारा साहिब में दो लड़कियों की आपस में शादी कराई गई थी. इस शादी की जानकारी जब सिख संगठनों को लगी तो वे नाराज हो गए. मामले को गंभीरता से लेते हुए वे गुरुद्वारा साहिब पहुंचे और शादी करवाने वाले दोनों ग्रंथियों और कमेटी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

सिख संगठनों के विरोध के बाद ग्रंथियों अजैब सिंह और हरदेव सिंह ने माफी भी मांगी है. दोनों ग्रंथियों ने कहा कि उनसे गलती हो गई. हरदेव सिंह प्रमुख हैं जबकि अजैब सिंह उपग्रंथी हैं. इस शादी के बारे में अजैब सिंह ने कहा कि उन्होंने मना किया था लेकिन लड़कियों के परिवार के लोग नहीं मानें. सिख संगठन ने यह गुरुद्वारा साहिब की गरिमा के खिलाफ बहुत बड़ा पाप है. उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा साहिब में दो लड़कियां आपस में शादी नहीं कर सकतीं. उन्होंने इसकी कड़ी शब्दों में निंदा की.

अब विवाद के बाद परिवार की तरफ से भी बयान सामने आया है. परिवार के लोगों का कहना है कि इस शादि के लिए उनके पास कोर्ट का आदेश है. हेड ग्रंथी हरदेव सिंह ने बताया कि उन्होंने कोर्ट की मंजूरी देख कर आनंद कारज करवाया. उन्होंने कहा कि उन्हें पता नहीं था कि यह मामला इतनू तूल पकड़ जाएगा और अब वह गलती मान रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी अन्य जगह पर एक लड़की के साथ दूसरी लड़की ने यौन उत्पीड़न किया था और उस समय कोई विवाद नहीं हुआ था. इसलिए उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में दोनों की शादी करवा दी. उन्होंने बताया कि इस मौके पर दोनों लड़कियों के परिजन भी मौजूद थे.