भिण्ड । मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले की दो जुड़वां बहनों ने आनलाइन आर्ट गैलरी से होने वाली आय को बाढ़ पीडितों पर खर्च किया है। इन दोनों बेटियों ने अपनी आय से सेनेटरी पेड खरीदे हैं जो कि बाढ़ प्रभावित ग्रामों में जाकर महिलाओं को बांटे हैं। इनके इस कार्य में हाइजीन सेनेटरी पेड की फैक्ट्री संचालित करने वाले अनुराग बौहरे ने भी सहयोग किया है। उन्होंने दोनों जुड़वां बहनों के सेवाभाव को देखते हुए उन्हें आधी कीमत में पेड उपलब्ध कराए हैं।

भिण्ड पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह की जुड़वां बेटियां नाव्या और भाव्या रीडिंग मैजिक नाम से आनलाइन आर्ट गैलरी चलाती है। इस आर्ट गैलरी से होने वाली आय को नाव्या और भाव्या सामाजिक कार्यों में खर्च करती है। इस बार जब भिण्ड जिले में बाढ़ आई तो उन्होंने बाढ़ पीडितों पर यह राशि खर्च करने का मन बनाया। नाव्या और भाव्या बताती है कि आपदा के समय स्वयंसेवी संगठन बाढ़ पीडितों को आवश्यकता के अनुसार भोजन, कपड़ा आदि सामान तो उपलब्ध करा रहे हैं। लेकिन इस आपदा के समय में महिलाओं और किशोरियों के लिए महामारी स्वच्छता भी उतनी जरूरी है। ऐसे में भिण्ड जिले के अटेर क्षेत्र के मनेपुरा में संचालित हाइजीन सेनेटरी पेड की फैक्ट्री से 2 हजार पेड खरीदे, जिन्हें बाढ़ प्रभावित इलाकों में वितरित किया है। वे भारौलीकलां, भारौली खुर्द आदि गांव में सेनेटरी पेड बांटने पहुंची। उनके साथ रक्षित निरीक्षक रजनी गुर्जर और महिला आरक्षकों के अलावा अनुराग बौहरे भी साथ रहे।

नाव्या और भाव्या की वर्तमान में उम्र महज 14 वर्ष है। जब वे 11 वर्ष की थी तब उन्होंने वर्ष 2018 में आनलाइन आर्ट गैलरी की वेबसाइट खुद डिजाइन की। वे अपनी गैलरी में बुक्स के साथ में स्टीकर, कुशन कवर, बेचेज, प्रिंटेड बुक मार्क, फेब्रिक बु, नोट पेड, नोट बुक्स, इयररिंग, स्टांप्स आदि डिजाइन कर वे आॅनलाइन विक्रय करती हैं। इस आर्ट गैलरी से होने वाली आय से वे पहले भी समाजसेवा करती रही हैं। नाव्या और भाव्या का जन्म भी भिण्ड में ही हुआ है। मनोज कुमार सिंह जब भिण्ड में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक थे तब नाव्या और भाव्या का जन्म हुआ था।

नाव्या और भाव्या ने अपने अभियान की शुरुआत कल भिण्ड कलेक्टोरेट से की। करीब दो हजार सेनेटरी पेड लेकर वे सबसे पहले कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस के पास पहुंची। जहां उन्होंने अपने अभियान की जानकारी कलेक्टर को देते हुए सेनेटरी पेड दिए। वहीं कलेक्टर ने भी नाव्या और भाव्या के इस कार्य की सराहना करते हुए अनुराग बौहरे को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने उन्हें आधी कीमत में सेनेटरी पेड उपलब्ध कराए।

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