ग्वालियर. संत समाज का अभिमान हैं स्वाभिमान है और गौरव हैं। संत तो देव के अवतार है इस पृथ्वी और भूमि पर। अगर हमने उनका सानिध्य पा लिया तो एक तरीके से उनका आर्शीवाद हमने पा लिया तो हम सही रूप से मोक्ष के रास्ते पर चल रहे हैं। हम सभी लोग बंधनों में जकड़े हैं लेकिन संत सभी बंधनों से मुक्त हैं। शास्त्रों में लिखा गया है एक शब्द मम् मेरा मान, मेरा सम्मान, मेरी कीर्ति और मेरा दौलत। हमारे शास्त्रों ने सिखाय है कि भगवान के दरबार में मौका तभी मिलेगा जब हम इस मम् को त्याग कर देंगे। यह उद्गार केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को विद्वत परिषद द्वारा आयोजित आचार्यों, पुरोहितों और पुजारियों के अभिनंदन समारोह में व्यक्त किए।

 शिवपुरी लिंक रोड स्थित एक निजी कॉलेज में आयोजित समारोह की अध्यक्षता दंदरौआ सरकार के महंत रामदास महाराज ने की तथा विषिष्ट अतिथि के रूप में खनेता आश्रम के संत रामभूषण दास महाराज उपस्थित थे। अपने संबोधन में आगे सिंधिया ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता। ब्राह्मण समाज की यहीं विशेषता रही है निर्भिकता, निडरता और सत्य का साथ देना। हमें भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि हम भी जो सही है उसे सही कहते हैं जो गलत है उसे गलत कहते हैं। उन्होंने कहा कि सत्संग के बिना विवेक नहीं होता और श्रीराम की कृपा के बिना सत्संग सहज से मिलता नहीं। जब हम प्रवचन सुनने जाते हैं जब हम सत्संग में उपस्थित होते हैं उस समय मानव की अंतआत्मा की भावना उस सत्संग में उस प्रवचन में स्वत: की नहीं लेकिन देव देवताओं के दरबार में नतमस्तक होकर उनका आर्शीवाद प्राप्त करने की होनी चाहिए।     125 साल पूर्व विश्व धर्म के सत्संग में1893 में भारत माता का परचम लहराया था उस समय की विश्व की धर्म संसद ने। उस समय यह बात कही थी कि मानव जाति को अगर मानव जाति को प्रगति और विकास के पथ पर चलना होगा तो आध्यम के रास्ते पर चलना होगा। हिन्दू धर्म मात्र एक धर्म नहीं बल्कि एक दर्शन शास्त्र है। एक ऐसा दर्शन शा हैं जो भारत ही नहीं पूरे विश्व के लोगों को एक माला में पिरोकर आगे ले जाता है।      कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महंत रामदास महाराज ने कहा कि ब्राह्मणों को समाज में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है इसलिए ब्राह्मणों को अपने आचार विचार, खाना पान रहन सहन पर ध्यान देना चाहिए मर्यादा का पालन करना चाहिए। खनेता आश्रम के संत रामभूषण दास महाराज ने कहा कि पृथ्वी पर ब्राह्मण देव का स्वरूप है। सारा संसार देवताओं के अधीन है और देवता मंत्रों के अधीन है और मंत्र ब्राह्मण के अधीन है। कार्यक्रम स्वागत भाषण भाजपा नेता पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने दिया तथा संचालन समाजसेवी महेश मुद्गल ने किया। सूर्य मंदिर के कारण ग्वालियर का विकास रूकाकार्यक्रम में अनूप मिश्रा ने यह बात उठाई कि ग्वालियर शनि देव का क्षेत्र है यहां सूर्य भगवान का मंदिर बनने से यहां का विकास रूक गया है। इस बात पर संतों ने अपनी वाणी से मुहर लगाई। इसके लिए ग्वालियर में महालक्ष्मी मंदिर की स्थापना की आवश्यकता बताई। जिसके लिए प्रयास शुरू किए जाने की बात कही गई। थाटीपुर में आदि शंकराचार्य मंदिर की स्थापना होगीदंदरौआ महाराज और अनूप मिश्रा ने संयुक्त रूप से बताया कि जल्द ही थाटीपुर स्थित सरजूदास की शाला शनिमंदिर परिसर में आदि शंकराचार्य का मंदिर निर्माण कराकर प्रतिमा स्थापित की जाएगी। पहले रामदास महाराज व रामभूषण दास महाराज का सम्मानकार्यक्रम के अंत में संत सम्मान में सबसे पहले मंच पर बिराजे दंदरौआ के महंत रामदास महाराज व खनेता आश्रम के संत रामभूषण दास महाराज का सम्मान किया गया। इसके बाद मंच के दाई और बने एक और मंच पर विराजे संतों का वहीं जाकर सम्मान किया गया।

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