भोपाल । मध्यप्रदेश में परिवहन चौकियों पर की जा रही अवैध वसूली को खत्म करने के लिए एक जुलाई से राज्य सरकार ने नई व्यवस्था लागू कर दी है। जिसमें परिवहन चौकियों की जगह अब रोड सेफ्टी एंड एनफोर्समेंट पॉइंट के रूप में चेक पॉइंट काम करेंगे और इसकी मोबाइल यूनिट भी रहेगी। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश के बाद रविवार को परिवहन विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य में अंतरराज्यीय सीमाओं पर संचालित परिवहन जाँच चौकियों के स्थान पर गुजरात जैसी व्यवस्था लागू की जाये और रोड सेफ्टी एण्ड इंफोर्समेंट चेकिंग प्वाइंट की व्यवस्था की कार्रवाई प्रारंभ की जाए। आदेश में कहा गया है कि मोटरयान अधिनियम के तहत प्रथम चरण में 45 चेक प्वाइंट बनाये जायें। चेक प्वाइंट के संचालन के लिये उपकरणों आदि की व्यवस्था में लगने वाले समय को दृष्टिगत रखते हुए जिला परिवहन कार्यालयों के प्रवर्तन अमले एवं गृह विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये होमगार्ड्स को शामिल किया जाये। मोबाइल यूनिट के माध्यम से पारदर्शिता के साथ रोड सेफ्टी एवं राज्य के राजस्व को दृष्टिगत रखते हुए चेक प्वाइंट्स पर की जाने वाली कार्रवाई प्रारंभ की जाये। निर्देश किया गया है कि चेक प्वाइंट के संचालन की कार्रवाई शीघ्र पूर्ण की जाये।
इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रविवार को सभी जिलों के कलेक्टरों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस नई व्यवस्था की जानकारी देकर इसका पालन कराने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि कल से शुरू हो रही व्यवस्था में कुल 45 चेक प्वाइंट बनाए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश में 211 होमगार्ड के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है जो सेवाएं देंगे। उन्हें नई परिवहन व्यवस्था के अंतर्गत आवंटित जिलों में पदस्थ किया गया है। होमगार्ड जवान रोटेशन में अपनी डयूटी करेंगे। प्रदेश में गुजरात राज्य में लागू पैटर्न के अनुसार कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन नाकों के स्थान पर मोबाइल टीम कार्य करेगी। चेक पॉइंट पर पदस्थ अमला समयावधि में बदलेगा। प्रदेश के 26 जिलों में विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं, ऐसे जिले चयनित किए गए हैं जो सीमावर्ती हैं। उन्होंने कहा कि सुशासन के अंतर्गत अनेक कार्य किए जा रहे हैं। इस नाते परिवहन क्षेत्र में मध्यप्रदेश में कुछ बदलाव किए गए हैं। चेक पोस्ट संबंधी नई व्यवस्था शीघ्र लागू की जा रही है।