इन्दौर। वाकई शिवराज मामा की कोई जोड़ नहीं। आंगनवाडिय़ों के लिए खिलौने और अन्य सामग्री इकट्ठी करने के लिए चलाया ठेला देशभर में लोकप्रिय तो हुआ ही, वहीं करोड़ों रुपए की दान राशि भी मिल गई, जिसमें इंदौर ने एक बार फिर बाजी मारी। साढ़े 8 करोड़ रुपए से अधिक के चैक के साथ लाखों रुपए के खिलौने सहित अन्य सामग्री मिली। 50 छोटे-बड़े वाहनों में इन्हें निगम कर्मचारियों ने भरकर चिडिय़ा घर के पास स्थित सेंट्रल स्कूल में रखवाया, जहां से अब ये सामग्री अलग-अलग आंगनवाडिय़ों में वितरण के लिए जाएगी। देवी अहिल्या स्मारक ट्रस्ट बनाने की घोषणा भी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कर दी और अब हर साल 31 मई को इंदौर गौरव दिवस मनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पहले भोपाल में ठेला चलाकर खिलौने और अन्य सामग्री एकत्रित की। मगर इंदौर में जबरदस्त सहयोग मिला और राजधानी की तुलना में कई गुना अधिक राशि और सामग्री विधानसभावार भेंट की गई, जिसमें नेता-कार्यकर्ता से लेकर शहर के व्यापारिक संगठनों ने भी बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। लोधीपुरा से लेकर नृसिंह बाजार और कपड़ा बाजार तक की गली और सडक़ें इन सामानों से पट गईं और शहर की अधिकांश खिलौना और आंगनवाड़ी सामग्री बेचने वाली दुकानें खाली हो गर्इं, क्योंकि उनका सभी सामान नेताओं ने खरीद लिया। खिलौने, एलईडी, कूलर से लेकर अन्य सभी तरह की सामग्री विधानसभावार एकत्रित कर मुख्यमंत्री को सौंपी गईं।
विधानसभा 4 में यह अभियान चला। विधायक मालिनी गौड़ और उनके पुत्र एकलव्य गौड़ ने भरपूर मेहनत भी की, जिसके चलते आंगनवाड़ी बच्चों के लिए खिलौने के साथ-साथ भरपूर सामग्री एकत्रित हो गई। मुख्यमंत्री द्वारा ठेला चलाकर ये सामग्री हासिल की गई, जिसे उसी वक्त बोरों में भर-भरकर छोटे-बड़े लोडिंग वाहनों के जरिए सेंट्रल स्कूल पहुंचाया गया, जहां के 6 कमरों में ये सामान कल आधी रात तक भरा जाता रहा। निगम के अधिकारी अश्विनी जनवदे सहित उनकी पूरी टीम इस कार्य में जुटी रही, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने भी पूरा सहयोग दिया।
जानकारों का कहना है कि शहर की खिलौना और अन्य सामान बेचने वाली दुकानों से लेकर बायपास पर भी जो लोग खिलौने व अन्य सामग्री बेचते हैं, उनसे भी थोक में ये सामान खरीदा गया, जिसके चलते इनसे जुड़े करोबारी भी खुश हैं कि भले ही होलसेल रेट पर, मगर उनका एक साथ इतना सामान बिक गया। सामानों के साथ-साथ साढ़े 8 करोड़ रुपए की राशि के चैक भी इंदौर के दानदाताओं ने सौंपे हैं, जिनमें व्यापारिक संगठनों से लेकर उद्योगपति और अन्य सहयोगी शामिल रहे। इस अवसर पर अलग-अलग क्षेत्रों में विशिष्ट सेवाएं देने वाले एक दर्जन से अधिक लोगों को इंदौर गौरव सम्मान दिया गया। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री का मिशन कामयाब साबित हुआ और उनका ठेला देशभर में लोकप्रिय हो गया है।