भोपाल। जून में खाली होने जा रही प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में कांग्रेस की ओर से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव की दावेदारी मजबूत नहीं मानी जा रही है। इन दोनों नेताओं की जगह पर कांग्रेस या तो विवेक तन्खा को फिर से राज्यसभा भेज सकती है, या फिर एससी -एसटी वर्ग के किसी नेता को राज्यसभा में भेजा जा सकता है।

राज्यसभा के लिए कांग्रेस ने अभी से प्लानिंग शुरू कर दी है। इसके चलते ही अरुण यादव और अजय सिंह की दिल्ली दौड़ तेज हो गई है, लेकिन इन दोनों की राज्यसभा पहुंचने तक की राह आसान नहीं है। प्रदेश से राज्यसभा में कांग्रेस के पास तीन सदस्य है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के चलते अजय सिंह की राह मुश्किल भरी हो सकती है। दिग्विजय सिंह और अजय सिंह दोनों ही ठाकुर हैं, ऐसे में अजय सिंह को मौका मिलना कठिन है। वहीं राममणि पटेल ओबीसी से हैं, वे राज्य सभा के सदस्य है। अरुण यादव भी ओबीसी से है, इसलिए यादव को भी राज्यसभा में जाना आसान नहीं होगा।

सूत्रों की मानी जाए तो कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले एससी और एसटी वर्ग को साधने का प्रयास और तेज करेगी। उस प्रयास के चलते राज्यसभा के लिए एससी या एसटी वर्ग के किसी नेता को भेजा जा सकता है। हालांकि कांग्रेस को यह तय करना भी कठिन होगा कि किस नेता को भेजा जाए। दरअसल इन दोनों वर्ग के बड़े नेताओं में शुमार कांतिलाल भूरिया, बाला बच्चन, ओमकार सिंह मरकाम विधायक हैं, इसी तरह एसटी वर्ग के भी अधिकांश बड़े नेता विधायक हैं।