भोपाल।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश शांति का टापू हैं। हिंसा और खून-खराबा कर प्रदेश की शांति को भंग करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा। राज्य सरकार नक्सल उन्मूलन में जान की बाजी लगाने वाले हमारे जांबाज वीर जवानों को क्रम पूर्व (आऊट ऑफ टर्न) प्रमोशन देकर उनका सम्मान कर रही है। हम पुलिस एवं सुरक्षा बलों के जवानों के जज्बे को सलाम करते हैं। मुख्यमंत्री चौहान आज पुलिस लाईन बालाघाट में जवानों को आऊट ऑफ टर्न प्रमोशन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने आऊट ऑफ टर्न प्रमोशन पाने वाले 31 जवानों को बैच लगाकर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज पुलिस जवानों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने का अद्भूत अवसर है। इन जवानों के विपरीत परिस्थितियों में कठिन परिश्रम करने से ही हमारे गाँव एवं शहर सुरक्षित हैं। जब हम अपने घर पर परिवार के साथ तीज त्यौहार मना रहे होते हैं, तब हमारे जवान घने जंगलों एवं पहाड़ों पर अपनी जान जोखिम में डाल कर हमारी सुरक्षा में लगे रहते है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका हमारे पुलिस एवं सुरक्षा बल के जवानों के परिवार की माताओं एवं बहनों की होती है। इन माताओं एवं बहनों के हौंसले से ही हमारे जवान जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्वों को निभाते हैं। इसके लिए प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता आपकी आभारी है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अगर वीरों का सम्मान नहीं किया जायेगा, तो वीरता बांझ हो जायेगी। राज्य सरकार, प्रदेश में शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाये रखने वाले जवानों के साथ खड़ी है। उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं जून माह में कान्हा पार्क आया था तो जवानों को कठिन परिस्थितियों में घने जंगलों में ड्यूटी करते देखा था। मैंने जवानों से चर्चा कर उनकी समस्याओं को भी सुना था। उसके बाद भोपाल जाकर निर्णय लिया कि नक्सल उन्मूलन में लगी हाक फोर्स के जवानों को सातवें वेतनमान के अनुसार 70 प्रतिशत प्रोत्साहन भत्ता दिया जायेगा। हमारी सरकार नक्सल उन्मूलन अभियान में जान की बाजी लगा कर कार्य करने वाले जवानों को आऊट आफ टर्न प्रमोशन दे रही है। हमारी सरकार जवानों के बच्चों की शिक्षा और बीमारी के उपचार पर भी ध्यान दे रही है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पुलिस एवं सुरक्षा बल के जवानों ने मध्यप्रदेश को शांति का टापू बनाया है। पहले डकैतों का आतंक था, हमने उन्हें खत्म किया। सिमी का नेटवर्क खत्म किया। भोपाल जेल से भागने वालों को कुछ देर बाद ही मार गिराया गया। हम शांति के पक्षधर हैं और खूनखराबा नहीं चाहते है। मुख्यमंत्री चौहान ने नक्सलियों को इंगित करते हुए कहा कि शांति की बात करने वालों के लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले है। प्रगति एवं विकास के लिए हमारे साथ कदम मिला कर चलें, भोली-भाली जनता को बहकाना बंद करें। बंदूक की गोली से कुछ हासिल नहीं होगा। यदि किसी ने भी हमारी जनता को छेड़ा तो हमारी सरकार उसे छाड़ेगी नहीं।

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बालाघाट जिला नक्सली गतिविधियों के लिए कुख्यात रहा है। हमारे पुलिस जवानों ने 93 लाख रूपये के ईनामी नक्सलियों को मार गिराया है या जेल में बंद कर दिया है। हम उनका आहवान करते हैं कि शांति को अपनायें, खून-खराबा छोड़े और मुख्य धारा में शामिल हों। हम युद्ध करना जानते हैं तो बुद्ध के शांति के मार्ग को अपनाना भी जानते है। हमारे जवान डाकूओं के खात्में से लेकर सिमी के नेटवर्क को खत्म करने में सफल रहे है। जहाँ कहीं भी व्यवस्था बनाना हो वहाँ पर पुलिस के जवानों को लगा दिया जाता है। लेकिन इसके बाद भी हमारे जवाने कभी पीठ नहीं दिखाते है और अपना काम जिम्मेदारी के साथ करते है। कोरोना काल में भी हमारे जवानों ने अच्छा काम किया है।

पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने बताया कि 20 जून 2022 को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में हाक फोर्स के जवानों ने 57 लाख रूपये के ईनामी तीन हार्ड कोर नक्सलियों को मारा है। इस मुठभेड़ में शामिल 31 जवानों को आउट आफ टर्न प्रमोशन दिया जा रहा है।

केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, बालाघाट जिले के प्रभारी मंत्री हरदीप सिंह डंग, आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामकिशोर नानो कावरे, मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन, अध्यक्ष जिला पंचायत सम्राट सिंह सरस्वार सहित विधायक, जन-प्रतिनिधि, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना, संभागायुक्त जबलपुर बी चन्द्रशेखर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुप्त वार्ता आदर्श कटियार, कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा, पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ सहित अधिकारी एवं पुलिस जवानों के परिजन उपस्थित थे। बालाघाट जोन के पुलिस महानिरीक्षक संजय कुमार ने उपस्थित अतिथियों का आभार माना।