नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध तो पहले ही लगा दिया गया था, अब सरकार ने एक और फरमान जारी कर जुर्माने का भी ऐलान कर दिया है. अगर राजधानी में कोई भी शख्स पटाखे फोड़ता पाया गया तो उस पर 200 रुपये का जुर्माना लगेगा, वहीं उसे 6 महीने जेल में भी काटने पड़ सकते हैं. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी है.
कितना जुर्माना, कितनी जेल?
उन्होंने कहा है कि पटाखों का खरीदना और उन्हें फोड़ने पर 200 रुपये का जुर्माना लगेगा, 6 महीने की जेल की सजा भी होगी. वहीं जो भी पटाखों की स्टोरेज करेगा, उनकी बिक्री में शामिल होगा, उन पर भी 5000 रुपये तक का जुर्माना और तीन साल की जेल होगी. अभी के लिए ये प्रतिबंध प्रभावी रूप से काम कर सके, इसलिए 408 टीमें बना दी गई हैं. असिस्टेंट कमिश्नर की अध्यक्षता में दिल्ली पुलिस ने 210 टीमें बना दी हैं, आयकर विभाग ने भी 165 टीमें बनाई हैं और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की भी 33 टीमें तैनात रहेंगी.
गोपाल राय ने ये भी जानकारी दी कि दिल्ली में लोगों के बीच जागरूकता बढ़े, इसलिए ‘दिये जलाओ पटाखे नहीं’ मुहिम छेड़ी जाएगी. सरकार खुद कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में 51 हजार दिये प्रज्वलित करने वाली है. राय ने ये भी बताया कि अभी तक दिल्ली पुलिस द्वारा 2,917 किलो पटाखे जब्त किए जा चुके हैं.
कब तक जारी रहेगा प्रतिबंध?
जानकारी के लिए बता दें कि सितंबर में सरकार ने एक बार फिर पटाखों पर पूर्ण बैन लगा दिया था. बेंचने से लेकर फोड़ने तक, हर चीज पर प्रतिबंध लगाया गया. ये आदेश अगले साल जनवरी 1 तक जारी रहने वाला है. पिछले दो साल से लगातार प्रदूषण पर काबू पाने के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा ये कदम उठाया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी तरफ से पटाखों पर कोई नरमी नहीं दिखाई है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
वैसे कुछ दिन पहले बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका जरूर दायर की थी. उन्होंने पटाखों पर लगे प्रतिबंध को संस्कृति के खिलाफ बता दिया था. लेकिन तब कोर्ट ने उल्टा उन्हें ही फटकार लगाते हुए कहा था कि क्या बढ़ता प्रदूषण आपको नहीं दिखता है? कोर्ट ने कहा था कि कोर्ट ने कहा कि दिल्ली एनसीआर को लेकर हमारा फैसला एकदम स्पष्ट है. क्या आपने प्रदूषण की स्थिति नहीं देखी. पराली की वजह से पहले ही प्रदूषण बढ़ने लगा है. आप खुद एनसीआर में रहते हैं, फिर पहले से बढ़े प्रदूषण को और ज्यादा क्यों बढ़ाना चाहते हैं? हम इस बैन को नहीं हटा सकते हैं.