भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के पीछे पार्टी की बूथ प्रबंधन मॉडल की निर्णायक भूमिका रही है। हाईकमान ने भी एमपी के इस मॉडल को सराहा है। अब लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भाजपा इसे अन्य राज्यों में लागू करने जा रही है। हाल ही में हुई भाजपा के पदाधिकारियों की बैठक के दौरान मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बूथ प्रबंधन मॉडल को लेकर बैठक में एक प्रेजेंटेशन भी दिया। शर्मा ने इस दौरान 51 फीसदी वोट शेयर लक्ष्य तय करने से लेकर अन्य नवाचारों का भी ब्यौरा दिया।

एमपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने अपने प्रेजेंटेशन में बताया कि किस तरह से पार्टी ने संगठन स्तर पर कमजोर और हारी हुई सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति पर काम किया है। साथ ही, उन्होंने 2018 के चुनाव में भाजपा के हाथ से निकली सीटों पर एक साल पहले से तैनात किए प्रभारी और कार्ययोजना का ब्योरा भी दिया। इस प्रेजेंटेशन की केंद्रीय गृहमंत्री शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य पदाधिकारियों ने सराहना भी की। अमित शाह की रणनीति के तहत संगठन के काम को एमपी के संगठन ने कार्यकर्ताओं के माध्यम से नीचे तक पहुंचाया था, जिसके विधानसभा चुनाव में सकारात्मक परिणाम मिले।

दरअसल, मध्यप्रदेश में भाजपा की बंपर जीत में बूथ मॉडल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस प्रयोग में मतदान के दिन सुबह छह बजे कार्यकर्ता सक्रिय हो जाते हैं। वे अपने इलाके के लोगों को जल्द से जल्द वोट डालने के लिए प्रेरित करते हैं। इसी का परिणाम रहा कि मध्यप्रदेश में भाजपा को विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता मिली है।

मध्यप्रदेश में विशेष सदस्यता अभियान में मिस्ड काल के माध्यम से 17 लाख से अधिक नए सदस्य जोड़े गए। हर बूथ पर दीवार लेखन में पांच कमल और भारत सरकार के नारे पुतवाए गए। इसके अलावा 42 हजार बूथों पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया। शक्ति सम्मेलन में शक्ति केंद्र की टोली और बूथ के अध्यक्ष, महामंत्री एवं बीएलए को आई कार्ड वितरित किए गए थे। शक्ति सम्मेलन में अमित शाह के बताए गए 15 करणीय कार्यों की स्थिति पर चर्चा हुई और जिम्मेदारी बांटी गई। लाभार्थियों से संपर्क, कार्यकर्ताओं ने अपने घर पर पार्टी का झंडा लगाया और इंटरनेट मीडिया पर फोटो पोस्ट की। मतदान के दिन जनजागरण अभियान के तहत सुबह छह बजे से कार्यकर्ताओं ने जागकर अपने परिवार और पड़ोसियों से मतदान करवाया।