भोपाल।  राजधानी के नेहरू नगर पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवनियुक्त 6 हजार आरक्षकों को नियुक्ति प्रमाण-पत्र भेंटकर शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, महापौर मालती राय, होम डॉ. राजेश राजौरा, डीजीपी सुधीर सक्सेना, एडीजी चयन एवं भर्ती संजीव शमी उपस्थित रहे। सीएम ने मंच पर घूम-घूमकर पुलिसकर्मियों से संवाद किया।  पुलिस की नींव आरक्षक है, सौभाग्य से ये वर्दी मिली है, इसकी लाज रखना। हमारी पूंजी हमारा चरित्र है।  बहकाने वाले, जाल फैलाने वालों से सावधान रहना।जब आवश्यकता हुई पुलिस बल ने सर्वोच्च बलिदान दिया है। एमपी पुलिस का इतिहास शौर्य और पराक्रम से गौरवान्वित है। कबायली हमला हो या गोवा मुक्ति का संघर्ष हो या नागालैंड, मध्यप्रदेश पुलिस ने अपना कर्तव्य निर्वहन कर देश की सेवा की है। मध्यप्रदेश पुलिस ने राज्य में सिमी आतंकी का नेटवर्क हो या बीहड़ के जंगल में डकैतों का आतंक या फिर नक्सलियों का आतंक, मध्यप्रदेश पुलिस ने इन सभी को ध्वस्त किया है, प्रभावी अंकुश लगाया है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज के अलावा गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और भोपाल के महापौर मालती राय उपस्थित रही।

वर्दी देश की रक्षा के लिए : CM शिवराज

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नवआरक्षक यह याद रखें कि यह वर्दी देश की रक्षा के लिए है, समाज की सुरक्षा के लिए है, अपराधियों पर कहर बनकर टूट पड़ने के लिए है, सज्जनों के उद्धार और दुर्जनों पर अंकुश के लिए है। आरक्षक पुलिस बल का नींव है, आधार है। अतिशयोक्ति न होगी कहना कि आरक्षक पुलिस बल की आंख और कान है। वरिष्ठ अधिकारी पुलिस बल का नेतृत्व करते हैं, लेकिन क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा पहले आरक्षक पर ही होता है।

एमपी पुलिस ने कर्तव्य पथ पर चलते हुए राष्ट्रीय दायित्व का निर्वहन किया। हमारे जवानों ने एक साल में लगभग ₹1 करोड़ 14 लाख के डकैती नक्सलियों को मार गिराया। मध्यप्रदेश पुलिस का अर्थ है सज्जनों के लिए फूल से ज्यादा कोमल, लेकिन दुर्जनों के लिए वज्र से ज्यादा कठोर।

देशभक्ति और अनुशासन ही मध्यप्रदेश पुलिस की पूंजी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पुलिस बल से जिम्मेदार आम नागरिकों को ज्यादा उम्मीदें होती है, उनकी रक्षा हमारा कर्तव्य है। संवेदनशीलता, वीरता, देशभक्ति और अनुशासन ही मध्यप्रदेश पुलिस की पूंजी है जिसने मध्यप्रदेश पुलिस का स्थान बनाया है। इसे कभी बिगड़ने मत देना। वर्दी की मर्यादाओं को कभी भूलना मत। कर्तव्य निर्वहन के साथ नैतिक दायित्व की पूर्ति के लिए मध्यप्रदेश पुलिस ने प्रतिमान स्थापित किए। कोरोना काल में जब चारों तरफ मौत का भय था, मध्यप्रदेश पुलिस के जवान पीपीई किट में लॉकडाउन पालन कराने के साथ जनसेवा कर रहे थे।

निर्बलों को ताकत देने के लिए है वर्दी : CM

सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि पुलिस की वर्दी कोई साधारण वर्दी नहीं है। यह वर्दी देश तथा प्रदेश की सुरक्षा की है, यह वर्दी अपराधियों को नेस्तनाबूद करने के लिए है। यह वर्दी निर्बलों को ताकत देने के लिए है। यह वर्दी सज्जनों का उद्धार करने के लिए है। निष्पक्षता, ईमानदारी, प्रमाणिकता साख बनती है। नव आरक्षक ईमानदारी के साथ कर्तव्य का निर्वहन करें, तभी पुलिस बल की उच्चतम साख स्थापित होती है। मध्यप्रदेश की शांति और सुरक्षा के लिए कर्तव्य पथ पर सरकार हर कदम आपके साथ है। सब सम्मान करते हैं, यदि हम अपना कार्य प्रमाणिकता से करते हैं। कई एसपी, पुलिस कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल, एसआई, एएसआई के लोग उदाहरण देते हैं। मैं चाहता हूं कि आपके नाम का उदाहरण लोग दें कि पुलिस वाला हो, तो ऐसा हो।

124 निरिक्षकों को बनाया गया कार्यवाहक DSP

मध्य प्रदेश में 124 निरिक्षकों को कार्यवाहक डीएसपी बनाया गया है। 124 कार्यवाहक डीएसपी अलग-अलग इकाइयों में पदस्थ किए जाएंगे, लेकिन यह कार्यवाहक डीएसपी वरिष्ठा, वेतन भत्ते का दावा नहीं कर सकेंगे। ये कार्यवाहक अफसर डीएसपी (उप पुलिस अधीक्षक) की शेरनी की यूनिफार्म पहन सकेंगे। पुलिस मुख्यालय ने इसको लेकर जा आदेश जारी किए है।