नई दिल्ली। डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन वेरिएंट बहुत तेजी से फैल रहा है। और एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस बात की पूरी संभावना है। कि बच्चे कोरोना से बहुत ज्यादा संक्रमित हों।
कोरोना वायरस वयस्कों और बच्चों दोनों को ही प्रभावित कर रहा है। दुनियाभर के विशेषज्ञों का मानना है। कि बच्चों में कोरोना के ज्यादातर मामले या तो हल्के लक्षण के हैं। या फिर कोई लक्षण नहीं दिख रहा है। लेकिन कुछ मामलों में ये लक्षण गंभीर हो सकते हैं।
वयस्कों और वृद्धों की तरह बच्चों में भी कोरोना के अलग-अलग लक्षण दिख रहे हैं। इनमें से कुछ लक्षण बहुत आम हैं। बुखार, थकान, खांसी, स्वाद और गंध न आना, बच्चों में कोरोना के कुछ आम लक्षण हैं। बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लामेट्री सिंड्रोम (MIS-C) होने की भी बात सामने आई है। डॉक्टरों के मुताबिक, जिन बच्चों में ये प्रॉब्लम सामने आई है।
उनके कई अंगों जैसे कि हार्ट, फेफड़ों, रक्त वाहिकाओं, किडनी, पाचन तंत्र, मस्तिष्क, स्किन या आंखों में गंभीर सूजन आ रही है। हाल ही में सामने आई रिपोर्टों के अनुसार, 5 साल से कम उम्र के बच्चों में ओमिक्रॉन की वजह से क्रुप नामक बीमारी हो रही है। जो कुक्कुर खांसी कर रही है। डॉक्टरों की मानें तो जो बच्चे ओमिक्रॉन की चपेट आ रहे हैं। उनके ऊपरी श्वसन मार्ग में इंफेक्शन हो सकता है। जिससे क्रुप हो रहा है। ऊपरी श्वसन मार्ग में इंफेक्शन से सांस लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है। इसके साथ बुखार, गला बैठना और सांस लेने पर आवाज आने की समस्या हो सकती है।