धार। मध्यप्रदेश के धार जिले में एक डैम में रिसाव होने से हडक़ंप मच गया है। नालछा स्थित भारूड़पुरा में कारम नदी पर बन रहे डैम में रिसाव के बाद हादसा होने की आशंका जताई जा रही है। शुक्रवार सुबह भारी मात्रा में बांध के एक तरफ की मिट्टी बह गई। मिट्टी से बनी डैम वॉल का बड़ा हिस्सा ढह गया। यहां से लगातार पानी बह रहा है। इस मामले को प्रशासन और जन संसाधन विभाग ने गंभीरता से लेते हुए पानी का लीकेज रोकने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं राजस्व विभाग ने बांध के निचले क्षेत्र में बसे हुए गांवों को अलर्ट जारी कर दिया है। पूरे मामले में प्रशासन सतर्क है। प्रशासन आसपास के 11 गांवों को खाली करा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मामले में पल-पल का अपडेट ले रहे हैं।

बांध से पानी रिसने के कारण जिला प्रशासन के द्वारा नेशनल हाईवे आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग और धामनोद-बड़वाह मार्ग को बंद कर दिया गया है। प्रशासन के द्वारा आसपास के 11 गांव के लोगों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है। साथ ही निचली बस्तियों को खाली करवाया जा रहा है। प्रशासन के द्वारा मुनादी करवा दी गई है कि लोग ऊपरी सतह पर चले जाए। आशंका है कि डैम फूट गया तो बड़ी जनहानि हो सकती है। इससे करीब 40 हजार लोग प्रभावित हैं। डैम का पानी जिस नदी में जाएगा उस पर आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे-3 का पुल है। हाईवे पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए प्रशासन की टीम तैनात है। रास्ते पर किसी भी प्रकार का कोई मूवमेंट नहीं है और किसी को भी जाने नहीं दिया जा रहा है। वाहनों की आवाजाही कम कर दी है। इससे जाम के हालात बन गए।

इन गांवों में जारी किया अलर्ट

अधिकारियों ने डेम का निरीक्षण कर, गुजरी के आसपास कोठीदा, भारुडपूरा इमलीपुरा, भांडाखो, दुगनी, डेहरिया, सिमराली, सिरसोदिया ,डहीवर, लसनगाव, हनुमंतिया उक्त 11 ग्रामों में ग्रामीणों को अलर्ट कर, सुरक्षित स्थान पर रहने के निर्देश दिए। वही इंदौर, भोपाल से विशेषज्ञों का दल आ रहा है। डैम के गेट खोलकर पानी निकालने की तैयारी की जा रही है। मरम्मत का काम भी तेजी से शुरू हो चुका है। फिलहाल बारिश रुकी हुई है। लेकिन अगले कुछ घंटों में बारिश होती है तो हालात बिगड़ सकते हैं। अगले 10 घंटे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

जल संसाधन मंत्री पहुंच रहे धार

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट धार जिले के कारम डैम पहुंच रहे हैं। यहां जल संसाधन विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं जिला प्रशासन के अधिकारीगण द्वारा अपनी देख-रेख में बांध में हुए लीकेज से उत्पन्न परिस्थितियों में आपदा प्रबंधन का कार्य किया जा रहा है।