भोपाल। दिल्ली में गेहूं निर्यातकों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गुरुवार को बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित विभिन्न एक्सपोर्टर मौजूद रहे। इस दौरान रेलवे मंत्री गोयल ने भरोसा दिया है कि मप्र से गेहूं के एक्सपोर्ट के लिए रैक की दिक्कत नहीं आएगी। इसके बाद कुछ अहम फैसले किए गए हैं।

सीएम शिवराज ने कहा मध्यप्रदेश में गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे दुनियाभर में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा, उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी, तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से गेहूं खरीद सकता है। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है। एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकते हैं। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियों में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को जगह की जरूरत होगी, तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवाएंगे।

निर्यातकों मंडियों में जगह भी उपलब्ध कराएंगे
सीएम शिवराज ने कहा कि इस बार भी सरकार की कृषि उम्मोन्मुखी नीतियों और प्रदेश के किसानों की मेहनत के बल पर बंपर फसल आ रही है, इसलिए यह निर्णय लिए गए हैं। इसके तहत प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को जगह की जरूरत होगी, तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर जगह भी मुहैया कराई जाएगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना निर्यात कर सकते हैं। इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा। मध्यप्रदेश के किसानों को फायदा होगा।