नागपुर: महाराष्ट्र की नागपुर पुलिस ने बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्रीको क्लीन चिट दे दिया है. नागपुर पुलिस प्रेस को दी गई सूचना में यह साफ किया है कि बागेश्वर धाम के वीडियोज में ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया है जिससे यह कहा जा सके कि वे अंधविश्वास फैला रहे हैं. सोमवार को बागेश्वर बाबा के खिलाफ अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानवने आरोप लगाते हुए यह शिकायत दर्ज करवाई थी कि उनके पास कोई सिद्धि नहीं है और वे ढोंग रच रहे हैं और अंध विश्वास फैला रहे हैं.
नागपुर पुलिस ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि 7-8 जनवरी दरबार से जुड़े वीडियो की पड़ताल की गई. पूरी पड़ताल के बाद वीडियो में ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया जो यह साबित करे कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अंधश्रद्धा कानून 2013 के तहत कोई अंधविश्वास फैलाया है.
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने अंधविश्वास फैलाने का लगाया था आरोप
इससे पहले अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव ने बाबा को चुनौती दी थी कि वे नागपुर में आकर उन्हें चमत्कार दिखाएं. अगर वे ऐसा करेंगे तो उन्हें 30 लाख रुपए दिए जाएंगे. नागपुर में 5 से 11 जनवरी के दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बागेश्वर धाम का दरबार लगाया था. श्याम मानव का आरोप है कि उनकी चुनौती के बाद धीरेंद्र शास्त्री कथा अधूरी छोड़ कर चले गए थे.
ऐसे बढ़ता चला गया विवाद बागेश्वर धाम सरकार के खिलाफ
लेकिन बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यह आरोप खारिज कर दिया है कि वे नागपुर का दरबार बीच में छोड़कर भाग गए. उनका कहना है कि बागेश्वर धाम का दरबार नियोजित समय में शुरू और खत्म हुआ. श्याम मानव और अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के लोग तब उन्हें अपनी चुनौती देने क्यों नहीं आए.
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वे इस वक्त रायपुर में हैं. उन्हें चुनौती स्वीकार है. लेकिन श्याम मानव और उनसे जुड़ी अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को उन्हें चैलेंज देने रायपुर आना पड़ेगा. इस पर श्याम मानव का तर्क था कि वे एक न्यूट्र जगह पर उनके दावे की असलियत परखना चाहते हैं. धीरेंद्र शास्त्री का तर्क था कि रायपुर एक न्यूट्रल प्लेस ही है. उनका अपना स्थान तो मध्य प्रदेश के छतरपुर में है.