ग्वालियर । तलाकशुदा महिला के अधे कत्ल की गुत्थी पुलिस ने 36 घंटे में सुलझा ली है। निसंतान दंपति ने संतान व भाग्योदय के लिए शरद पूर्णिमा की रात को लक्ष्मी उर्फ आरती मिश्रा की हत्या कर बलि दी थी। बलि देने में दंपति की ननद व उसके साथ रहने वाले युवक ने मदद की थी। चारों आरोपितों को हजीरा थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित ने बलि देने के लिए महिला की हत्या करना कबूल कर लिया है। दंपति की शादी को 18 साल हो गए और कोई संतान नहीं है। इसके साथ कोरोना संक्रमण काल में परेशान भी चल रहे थे। निसंतान महिला की ननद ने अपने दोस्त की मदद से सखी बाबा से मिलवाया था। सखी बाबा ने संतान व भाग्योदय के लिए शरद पूर्णिमा की रात को एक महिला की बलि देने के लिए कहा था। यह लोग महिला के शव को बाबा के पास से बाइक से ले जा रहे थे। रास्ते में महिला का शव गाड़ी से स्लिप हो गया, और शव को यह लोग सड़क पर छोड़कर भाग गए थे।
एसपी अमित सांघी ने बताया कि महिला का शव मिलने के बाद फोरेंसिक एक्सपर्ट की जांच से साफ था कि महिला की गला घोटकर हत्या की गई थी। पीएम रिपोर्ट से भी इस बात की पुष्टि हुई। पतारसी के लिए एएसपी हितिका वासल व सीएसपी रवि भदौरिया की टीम को लगाया गया। पुलिस को पता चला कि मृतका के कई लोगों से मित्रता है। पुलिस हत्यारों को मृतका की मित्र मंडली मेंं तलाश रही थी। ठोस क्लू मिलने पर पुलिस ने महिला की हत्या के आरोप में मोतीझील निवासी निसंतान दंपति ममता उसके ड्राइवर पति बेटू व बेटू की बहन मीरा और उसके साथ लिव इन रिलेशन शिप में रहने वाले नीरज निवासी मुरैना को गिरफ्तार कर लिया। चारों आरोपित ने महिला की बलि देने के लिए हत्या करना कबूल कर लिया। ममता का पति कोरोना संक्रमण से पहले स्कूल की बस चलाता था। फिलहाल फ्री है। ममता की बहन हजीरा पर रहती है और गलत रास्ते पर है। नीरज खेती किसानी करता है। उसका मीरा के घर आना जाना है। पुलिस चारों आरोपितों से पूछताछ करने के साथ सखी बाबा की तलाश कर रही है।
महिला कुछ समय से किसी ऑटो ड्राइवर के साथ लिव इन में रहने का भी पता लगा। पुलिस जांच कर रही रही थी कि उसके कॉल डिटेल से कई राज खुल गए। पता लगा कि वह एक कॉलगर्ल थी। इसके बाद पुलिस ने को जांच इस एंगल पर मोड़ा। 24 घंटे में CSP महाराजपुरा रवि भदौरिया, TI हजीरा आलोक सिंह परिहार की टीम ने मामले का खुलासा कर दिया।
तांत्रिक समेत पांच अरेस्ट
आरती की हत्या करने और साजिश में शामिल तांत्रिक गिरवर यादव, ममता भदौरिया, उसका पति बेटू भदौरिया, बेटू की बहन मीरा राजावत और उसके बॉयफ्रेंड नीरज परमार को गिरफ्तार किया गया है। हत्या तांत्रिक गिरवर के इशारे पर की गई थी।
शादी को 18 साल, बच्चा नहीं
ममता भदौरिया और बेटू भदौरिया निवासी मोतीझील की शादी को 18 साल हो गए हैं। उनके कोई बच्चा नहीं है। बेटू को एक बच्चे की चाह थी। उसने कई हकीम, डॉक्टर और बाबाओं का सहारा लिया, लेकिन घर में किलकारी नहीं गूंजी। इस पर बेटू ने अपनी बहन मीरा राजावत से बात की। उसने अपने दोस्त नीरज परमार को पूरी बात बताई। नीरज ने सभी को बताया कि वह मुरैना सरायछोला निवासी तांत्रिक गिरवर यादव को जानता है। वह यह काम चुटकी में कर सकता है। इसके बाद गिरवर से मुलाकात हुई तो उसने एक जान के बदले एक जान मांगी। मतलब घर में बच्चा चाहिए तो एक बलि देना पड़ेगी।
मूवी देख मिला आइडिया
बलि के लिए आइडिया इमरान हाशमी और जैकलीन की मर्डर-2 मूवी से लिया गया। मूवी में एक सीरियल किलर घर बुलाकर वह कॉलगर्ल की हत्या कर देता था। कॉलगर्ल का कोई रिश्तेदार नहीं होता था, इसलिए पुलिस मामलों को सुलझा नहीं पा रही थी। इसी तरह नीरज ने प्लान बनाया।
पकड़े जाने के बाद उसने पूरी कहानी का खुलासा किया कि उसने कहीं से नंबर लेकर आरती को बुधवार रात मिलने बुलाया। उसे 10 हजार रुपए में बुक किया था। इसके बाद बेटू भदौरिया उसे लेकर मोतीझील पहुंचा। यहां बेटू और नीरज ने मिलकर उसकी हत्या कर दी।
इसके बाद उनको हजीरा में रह रहे तांत्रिक को बलि के फोटो दिखाने थे। मोबाइल में फोटो खींचे, लेकिन बाद में पकड़े जाने के डर से डिलीट कर दिए। इसके बाद तय किया कि लाश को जिंदा बनाकर ले जाएंगे और तांत्रिक को दिखाकर वहीं फेंक देंगे।
बाइक से गिरी लाश, छोड़कर भागे
रात 11 बजे नीरज और मीरा बाइक पर आरती की लाश को बीच में बैठाकर हजीरा तांत्रिक के घर जाने के लिए निकले थे। रास्ते में IIITM कॉलेज के पास अचानक बाइक का नियंत्रण बिगड़ा तो बीच में आरती की लाश सड़क पर गिर पड़ी। इस पर दोनों घबरा गए। वहां से कुछ लोग भी निकल रहे थे। इस पर वह बाइक को आगे बढ़ाकर भाग गए।