पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि थाना शहर में वीरेंद्र पुत्र देसराज ने दिंसबर 2021 में अपनी शिकायत में पुलिस को बताया था कि उनका भतीजा विनोद सुखदेव नगर में हॉरट्रोन नाम से कंप्यूटर सेंटर चलाता था. 5 अक्तूबर 2021 की शाम विनोद परमहंस कुटिया के गेट पर बैठा था. तभी एक पंजाब नंबर की गाड़ी ने उसे सीधे टक्कर मार दी. इस घटना में विनोद की दोनों टांगे टूग गई थीं. इसके बाद उन्होंने स्थानीय थाने में आरोपी गाड़ी चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.
पत्नी ने कराई प्रेमी से पति की हत्या
इसके बाद पुलिस ने आरोपी देव सुनार उर्फ दीपक निवासी भटिंडा पंजाब को गिरफ्तार कर लिया था. घटना के करीब 15 दिन बाद देव सुनार समझौते के लिए उसके पास आया पर उन्होंने मना कर दिया. इसके बाद वो अंजाम भुगतने की धमकी देकर चला गया था. इसके बाद देव सुनार 15 दिसंबर 2021 को देसी पिस्तौल लेकर सुमित के घर पर आया और अंदर घुसकर दरवाजा बंद कर कुंडी लगा दी. यह देख विनोद की पत्नी ने शोर मचाया तो वह अपने बेटे यश और पड़ोसी के साथ विनोद के घर पहुंचे. वहां उन्होंने दरवाजा खुलवाने की कोशिश की.
इस दौरान उन्होंने खिड़की से देखा कि आरोपी देव सुनार ने विनोद को बेड से निचे गिराकर कमर व सिर में गौली मार दी. इसके बाद सभी ने आरोपी देव सुनार को मौके पर ही काबू कर पुलिस के हवाले कर दिया था. वो खुन से लथपथ अपने भतीजे विनोद को अस्पताल लेकर पहुंचे. जांच के बाद डॉक्टरों ने विनोद को मृत घोषित कर दिया. वीरेंद्र की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की.
प्रेम प्रसंग और संपत्ति हड़पने के लिए पति का मर्डर
पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि आरोपी देव सुनार पानीपत जेल बंद था. कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका था. कुछ दिनों पहले उनके पास मृतक विनोद बराड़ा के भाई का WhatsApp मैसेज ऑस्ट्रेलिया से आया. उन्होंने इस हत्या में अन्य लोगों के शामिल होने का संदेह जताया. इस शिकायत को पुलिस ने गंभीरता से लिया और सीआईए थ्री प्रभारी इंस्पेक्टर दीपक कुमार को दिशा निर्देश देकर जांच की जिम्मेदारी सौंपी. सीआईए थ्री पुलिस टीम ने मृतक विराद बराड़ा की फाइल को फिर से खोला और गहनता से जांच शुरू की.
कोर्ट से अनुमति लेकर इस केस की जांच फिर से शुरू की गई. अनुसंधान के दौरान सामने आया कि आरोपी देव सुनार की सुमित नाम के युवक से जान पहचान थी और सुमित की मृतक विनोद बराड़ा की पत्नी निधि से बातचीत के सबूत मिले. पुलिस ने 7 जून को आरोपी सुमित उर्फ बंटू निवासी गोहाना को सेक्टर 11/12 की मार्केट से हिरासत में लेकर पूछताछ की. सख्ती से की गई पूछताछ में सुमित ने बताया कि साजिश के तहत उसने और मृतक की पत्नी निधि ने देव सुनार से विनोद को पहले एक्सिडेंट मारने की सुपारी दी. जब वह इसमें बचा गया तो विनोद को गोली मारकर हत्या करवा दी. इसके बाद उसे कोर्ट में पेश करने के बाद 7 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया.
मृतक के भाई ने पुलिस अधीक्षक को ऑस्ट्रेलिया से भेजा मैसेज
रिमांड के दौरान आरोपी सुमित उर्फ बंटू ने पुलिस को बताया वह वर्ष 2021 में पानीपत में एक जिम में ट्रेनिंग देता था. विनोद की पत्नी निधि भी वहां जिम करने के लिए आती थी. इसी दौरान उनकी दोस्ती हो गई और बातचीत होने लगी. विनोद को उन दोनों के बारे में पता चला गया तो इस बारे में उसके और विनोद के बीच कहासुनी भी हुई. विनोद घर पर अपनी पत्नी निधि से भी झगड़ने लगा. बाद में उसने व निधि ने विनोद को एक्सीडेंट में मरवाने की साजिश रची.
इसके अलावा आरोपी सुमित उर्फ बंटू ने बताया वह किसी जानकार की मदद से ट्रक ड्राइवर देव सुनार उर्फ दीपक निवासी भटिंडा से मिला. उसे 10 लाख रुपये कैश देकर विनोद की हत्या करे लिए राजी किया. उसने देव सुनार को पंजाब नंबर की एक लोडिंग पिकअप गाड़ी दिलवाई. देव सुनार ने 5 अक्तूबर 2021 को विनोद को जान से मारने की नियत से उक्त गाड़ी से सीधी टक्कर मार दी. लेकिन विनोद बच गया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
पत्नी, प्रेमी और हत्यारे को पुलिस ने अरेस्ट किया
निधि और सुमित ने देव सुनार की जेल से जमानत करवाई और उसे फिर से हत्या के लिए तैयार किया. इस बार देव को अवैध पिस्तौल और कैश दिया. साथ काम हो जाने के बाद और भी रुपये देने का प्रलोभन दिया. प्लान के तहत देव सुनार को माफी मांगने के बहाने विनोद बराड़ा के घर भेजा और 15 दिसंबर 2021 को घर में घुसकर विनोद बराड़ा की गोली मारकर हत्या कर दी. देव के जेल जाने के बाद आरोपी सुमित उर्फ बंटू उसके केस व घर का पूरा खर्च खुद देने लगा. प्लान के अनुसार निधि मार्च 2024 में अदालत मे अपनी गवाही से मुकर गई.
पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि पुलिस ने आरोपी निधि को शुक्रवार को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने सुमित उर्फ बंटू के साथ मिलकर उक्त वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा. रिमांड अवधी पूरी होने पर पुलिस ने शनिवार को दोनों आरोपियों को माननीय न्यायालय में पेश किया जहा से उन्हें न्यायिक हिरासत जेल भेजा गया.