भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी का फोकस उन इलाकों में है जहां 2018 में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि एमपी विधानसभा चुनाव की कमान खुद अमित शाह ने उठा ली है। अमित शाह ने बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं तक लोगों तक पहुंचने को कहा है। पार्टी ने हाल ही में अपना सर्वे कराया था। इस सर्वे को लेकर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के सर्वे में तीन इलाकों का फीडबैक निगेटिव मिला है। अब इन इलाकों को साधने के लिए अमित शाह प्लान बना रहे हैं। आइए जानते हैं वो पांच फैक्टर जिसके माध्यम से बीजेपी इन इलाकों को साधने की कोशिश कर रही है।

ग्वालियर-चंबल का इलाका
बीजेपी के सर्वे रिपोर्ट में ग्वालियर-चंबल को लेकर निगेटिव रिपोर्ट आई है। 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी को बड़ा झटका लगा था। इस इलाके में विधानसभा की 34 सीटें आती हैं। लेकिन 2018 में बीजेपी केवल 7 सीट ही जीत पाई थी। हालांकि 2020 में सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद यहां का समीकरण बदल गया था। उपचुनाव में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था। अब ग्वालियर-चंबल को साधने के लिए बीजेपी ने नरेन्द्र सिंह तोमर को चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया है। वहीं, सिंधिया केन्द्रीय मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी इसी इलाके में आते हैं। इन नेताओं को जिम्मेदारी देकर पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की कोशिश में है।

विंध्य क्षेत्र
2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा विंध्य इलाके से हुआ था। लेकिन सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, इस बार यहां से रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। जिसके बाद पार्टी के कई सीनियर नेताओं का इन इलाकों का दौरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हाल ही में नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस इलाके का दौरा किया था। यहां नाराजगी बढ़ने का कारण सीधी पेशाब कांड की घटना बताई जा रही है। विंध्य में विधानसभा की 30 सीटें हैं। 2018 में यहां कांग्रेस को केवल 6 सीटों पर ही जीत मिली थी।

मालवा-निमाड़
मालवा का बीजेपी का गढ़ माना जाता है। लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था। जिस कारण से बीजेपी को नुकसान हुआ था। यही कारण है कि इस इलाके को साधने के लिए एमपी विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने आगाज इंदौर से किया। खुद केन्द्रीय मंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम में मौजूद थे। पार्टी के सीनियर लीडर कैलाश विजयवर्गीय को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। कैलाश विजयवर्गीय पार्टी के उन नेताओं को मनाने की कोशिश में हैं जो किसी ना किसी कारण से पार्टी से नाराज हैं। इसके साथ ही शाह का फोकस इस इलाके के आदिवासी वोटर्स पर सबसे ज्यादा है।

शाह खुद कर रहे हैं मॉनिटरिंग
बीजेपी सूत्रों के अनुसार, जिस इलाके की रिपोर्ट सर्वे में निगेटिव आई है उसकी मॉनिटरिंग खुद अमित शाह कर रहे हैं। अमित शाह, एमपी में लगातार बैठकें कर चुनावी रणनीति बना रहे हैं। शाह ने नेताओं को टास्क भी दिया है। जिससे इन इलाकों में लोगों की नाराजगी को कम समय में दूर किया जा सके।

नई समितियों के गठन पर जोर
विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने चुनाव प्रबंधन समिति और चुनाव घोषणा पत्र समिति की घोषणा कर दी है। दोनों समितियों में इन इलाके के सीनियर नेताओं को जगह दी गई है। वहीं, दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि बीजेपी जल्द ही नई समितियों की भी घोषणा कर सकती है। इम समितियों में कई नाराज नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।