मुंबई । एक तरफ जहां मलयालम इंडस्ट्री या साउथ सिनेमा कहानी के मामले में काफी आगे निकल चुका है। वहीं दूसरी ओर बॉलीवुड जंग लगी चीजों को तेल से रगड़कर चमकाने की कोशिश कर रहा है। सतह पर चाहे कितनी भी अच्छी लगें, समय के साथ चीजें अपनी चमक खो देती हैं, क्योंकि वे अंदर से खोखली होती हैं। ऐसे ही फिल्म ‘क्रू’ देखने के बाद महसूस होता है। ‘क्रू’ में कोई मजा नहीं है, क्योंकि कहानी पहले से ही पॉलिश की गई है।
कहानी:
फिल्म ‘क्रू’ के प्लॉट की बात करें तो ट्रेलर देखने वालों ने इस पर जरूर गौर किया होगा। फिल्म की कहानी तीन एयर होस्टेस पर केन्द्रित है, जिन्हें कुछ आर्थिक परेशानियां होती हैं। ऊपरी तौर पर कोई कितना भी खुश क्यों न हो, लेकिन आर्थिक तंगी का सामना हर किसी को करना पड़ता है। गीता सेठी (तब्बू), जैस्मीन कोहली (करीना कपूर) और दिव्या राणा (कृति सेनन) विजय वालिया (सास्वता चटर्जी) की कोहिनूर एयरलाइंस में बतौर एयर होस्टेस काम करती हैं। इन तीनों को एयरलाइंस के 4000 कर्मचारियों समेत 6 महीने से वेतन नहीं दिया गया है।
एक यात्रा के दौरान अचानक उनकी कंपनी के एक सहकर्मी की मृत्यु हो जाती है। उसके शव को उठाते समय ये तीनों देखती हैं कि सहकर्मी ने अपनी शर्ट के अंदर सोने के बिस्किट छिपा रखे हैं। इसके बाद तीनों एयर होस्टेस अचानक अमीर हो जाती हैं। उसके बाद इन तीनों एयर होस्टेस की जांच कस्टम विभाग करता है। तो आगे क्या होगा? क्या कस्टम तीनों को गिरफ्तार करेगी? जांच में क्या मिला? इसके लिए आप को फिल्म देखनी पड़ेगी।
निर्देशन
‘क्रू’ का निर्देशन राजेश कृष्णन ने किया है। अगर निर्देशन अच्छा होता तो भी फिल्म बेहतर चल सकती थी। दरअसल, लंबे समय बाद बॉलीवुड की तीन बड़ी एक्ट्रेस एक साथ कॉमेडी करने जा रही थीं लेकिन निर्देशक इसका पूरा फायदा नहीं उठा पाए। इसके अलावा कपिल शर्मा और दिलजीत दोसांझ खास रोल में हैं लेकिन उनकी कॉमिक टाइमिंग का इस्तेमाल नहीं किया गया है। फिल्म में चुटकुले गुदगुदाने वाले जरूर हैं लेकिन वे आपको जोर से नहीं हंसा पाते। कहानी और निर्देशन दोनों ही दर्शकों को बांधे रखने में नाकाम रहे हैं।
एक्टिंग:
‘क्रू’ में एक्टिंग शानदार है। मूल रूप से तब्बू, कृति और करीना ने अपना किरदार ईमानदारी से निभाया है। उनके बीच की केमिस्ट्री अच्छी है लेकिन करीना कपूर ऑन-स्क्रीन बेहद खूबसूरत दिखती हैं। उनका अभिनय कुछ भी नया नहीं पेश करता, क्योंकि हम पहले ही उन्हें इस तरह के किरदार में देख चुके हैं। कृति सेनन का काम भी अच्छा है। दिलजी दोसांझ रोल काफी छोटा है, इसलिए उन्हें ऑन-स्क्रीन कुछ भी यादगार करने को नहीं मिलता है। कपिल शर्मा का रोल काफी छोटा है उनकी जोड़ी तब्बू के साथ बनाई गई है। एक्ट्रेस तृप्ति खामकर ने भी अपने शानदार अभिनय से अच्छा काम किया है। यदि आप तब्बू, कृति और करीना के प्रशंसक हैं तो आपको ‘क्रू’ देखनी चाहिए। बाकी फिल्म में कोई नयापन नहीं है, इसलिए यदि आप बहुत अधिक अपेक्षा करेंगे तो आप निराश होंगे।