इटावा। इटावा की ताखा तहसील में ड्यूटी पर तैनात एटा के सिपाही प्रेम प्रकाश ने बेटा न होने पर इंसास रायफल सीने में लगा गोली दाग ली। मरने से पहले उसने दोनों हाथों की नसें भी काटी थीं। सरकारी क्वार्टर से मंगलवार सुबह पांच बजे गोली चलने की आवाज आई तो तहसील परिसर में अफरातफरी मच गई।
नगला केवल, एटा के रहने वाले प्रेम प्रकाश (40) को पुलिस लाइन से ड्यूटी पर ताखा तहसील भेजा गया था। तहसील परिसर में ही वह तीसरी मंजिल स्थित सरकारी क्वार्टर में रहता था। सुबह पांच बजे अचानक उसके कमरे से गोली चलने की आवाज आई। पास रहने वाले साथी सिपाही शफीक अहमद भागकर कमरे में पहुंचे तो देखा कि प्रेमप्रकाश लहूलुहान पड़ा था। शफीक ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। कुछ ही देर में एसएसपी जय प्रकाश सिंह व अन्य अधिकारी पहुंच गए। अफसरों को मौके पर प्रेम प्रकाश की सरकारी रायफल पड़ी मिली। उसके दोनों हाथों की नसें कटी हुई थीं। आनन-फानन में प्रेम प्रकाश को सैफई अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
साथियों ने बताया कि कुछ दिनों से वह परेशान रहता था। घटना की जानकारी पर परिजन रोते-बिलखते इटावा पहुंचे। प्रेमप्रकाश के पिता जगदीश चंद्र ने बताया कि बेटे को कोई बेटा नहीं था। इस कारण आए दिन परिवार में विवाद भी होता था। कई बार समझाने की कोशिश भी की गई कि बेटा बेटी में अंतर नहीं होता है। हालांकि उसके एक बेटी है। एसएसपी इटावा जय प्रकाश सिंह ने कहा, हेडकांस्टेबल प्रेम प्रकाश ने सरकारी रायफल से गोली मारकर खुदकुशी की है। परिवार के लोगों से पूछताछ की जा रही है।