बलिया। यूपी के बलिया में पुलिस विभाग से हैरान करने वाली खबर सामने आई, जहां कॉन्स्टेबल (सिपाही) के बार-बार मांगने पर भी थानाध्यक्ष (दारोगा) ने उसे छुट्टी नहीं दी। उल्टे उसे डांटकर भगा दिया। जिसके चलते वो पत्नी का इलाज नहीं करा पाया। इलाज के अभाव में सिपाही की पत्नी चल बसी। फिलहाल, एसपी ने सिपाही के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। घटना सोशल मीडिया से लेकर महकमे में चर्चा का विषय बनी हुई है।
पीड़ित कॉन्स्टेबल का नाम प्रदीप सोनकर है और वह मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले का रहने वाला है। आरोप है कि उसने पत्नी के इलाज के लिए थानाध्यक्ष दिनेश पाठक से छुट्टी मांगी थी लेकिन थानाध्यक्ष ने छुट्टी देने के बजाय उसे डांट-फटकार कर भगा दिया। उधर, इलाज के अभाव में प्रदीप की पत्नी का निधन हो गया। जिसके बाद कॉन्स्टेबल ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) के नाम एक पत्र लिखकर थानाध्यक्ष सिकंदरपुर दिनेश पाठक पर एक्शन लेने की मांग की है।
कॉन्स्टेबल प्रदीप सोनकर ने थानाध्यक्ष दिनेश पाठक पर आरोप लगाया कि वह अपनी पत्नी के इलाज हेतु छुट्टी मांगने के लिए 27 जुलाई को एक प्रार्थना पत्र लेकर उनके पास गया था, लेकिन थानाध्यक्ष ने उसे छुट्टी नहीं दी। उल्टा उसे और डांटकर भगा दिया। जिसके बाद वह जब हेड मुंशी से डाक लेकर 29 जुलाई की रात्रि अपने घर को जा रहा था तभी उसके घर पहुंचने से पहले ही पत्नी की मौत हो गई।
इस घटना के बाद प्रदीप का रो-रो कर बुरा हाल है। उसने पुलिस अधीक्षक से थानाध्यक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, इस मामले में एसपी का कहना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से चिट्ठी मिली है। पुलिस उपाधीक्षक सिकंदरपुर को इसकी जांच सौंपी गई है, उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस उपाधीक्षक को कॉन्स्टेबल के घर भी भेजा गया है। एसपी ने कहा की इस दुःख कि घड़ी में पूरा पुलिस परिवार कॉन्स्टेबल के साथ खड़ा है। सिपाही प्रदीप ने एसपी को लिखे पत्र में दावा किया कि अगर उसे छुट्टी मिल गई होती तो शायद आज उसकी पत्नी जीवित होती। पत्र के अनुसार सिपाही की पांच महीने की बेटी है, उसके सिर से अब मां का साया उठ चुका है।