भोपाल। सामान्य प्रशासन विभाग ने आईएएस रानी बंसल की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। रानी बंसल लंबे समय से बिना जानकारी दिए गैर हाजिर थीं। उन्होंने अवकाश या त्यागपत्र जैसी कोई जानकारी विभाग को नहीं दी थी। लिहाजा विभाग ने उनकी गैरहाजिरी को डीम्ड त्याग पत्र मान लिया। किसी आईएएस अफसर पर ऐसी कार्रवाईका प्रदेश में संभवत: यह पहला मामला है। इससे पहले 1999 बैच के आईएएस अनिल यादव को भी हटाया गया था, हालांकि उन्होंने नौकरी में आने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन सरकार ने इंकार कर दिया था।
मध्यप्रदेश कॉडर की 2015 बैच की आईएएस रानी बंसल को केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय ने डीम्ड रेजिग्नेशन(स्वत: त्यागपत्र) के जरिए नौकरी से हटाने के आदेश दिए है। रानी बागली एसडीएम के पद पर पदस्थ थी और वहां से वे बिना बताए अनुपस्थित चल रही थी। रानी बंसल भोपाल की रहने वाली है। उनके पिता राजेन्द्र गुप्ता मेडिकल शॉप संचालक है। उन्होंने आरजीपीवी यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था। उस समय उन्हें कैंपस सलेक्टशन में पांच लाख रुपए की जॉब मिली थी लेकिन जॉब छोड़कर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की थी। यूपीएससी में रानी ने 64 वी रैंक हासिल की थी। इसके बाद मध्यप्रदेश कॉडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अफसर बनी और प्रदेश में सेवाएं दे रही थी। रानी बंसल एसडीएम बागली के पद पर पदस्थ थी। वे 31 मई 2019 से बिना बताए अनाधिकृत रुप से गायब चल रही थी। उन्होंने वर्ष 2020 और 2021 का अपना सम्पत्ति का ब्यौरा भी नहीं दिया था। सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक ने उनके पते पर कई बार उन्हें नोटिस जारी कर उनके अनुपस्थित रहने का कारण जानना चाहा। लेकिन उनकी ओर से इनका कोई जवाब न आने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक ने केन्द्रीय कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय को उनका पूरा मामला भेजकर उनका भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वत: त्यागपत्र मंजूर करने का आग्रह किया था। डीओपीटी ने उनका स्वत: त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है।
कालेधन के मामले में CBI पूछताछ से आई थीं चर्चा में…
उनके पति कस्टम इंस्पेक्टर है। वर्ष 2017 में जब वे नरसिंहपुर के गाडरवाड़ा में पदस्थ थी तब कालेधन को लेकर सीबीआई से भी वे चर्चा में आई थी। सीबीआई ने रानी के पति के दोस्त कस्टम इंस्पेक्टर परमानंद सिंघारिया के मामले में सीबीआई पूछताछ के कारण चर्चा में आई थी। सिंघारिया ने उनके खाते में चौदह लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। उस समय रानी ने बताया था कि उनके पति ने सिंघानिया को यह राशि दी थी जिसे उन्होंने वापस किया है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधायक सतीश सिकरवार ने एक सवाल के जरिए मध्यप्रदेश के उन आईएएस अफसरों की जानकारी मांगी थी जिन्होंने अपना अचल सम्पत्ति का ब्यौरा नहीं दिया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने बताया था कि रानी बंसल सहित तीन आईएएस ऐसे है।
इससे पहले…IAS अनिल यादव को भी इसी तरह हटाया
1999 बैच के आईएएस अनिल यादव को भी इसी तरह हटाया गया था। यादव 25 जुलाई 2007 से 24 जुलाई 2009 तक अध्ययन अवकाश पर गए थे। अवकाश समाप्त होने के बाद भी वे वापस नहीं लौटे न ही कोई सूचना सरकार को दी। सरकार ने उनके स्वत: त्यागपत्र का प्रस्ताव डीओपीटी को भेजा तो यादव ने नौकरी में वापस आने के लिए अर्जी दी लेकिन सरकार ने उनका डीम्ड रेजिग्नेशन स्वीकार कर उन्हें पद से हटा दिया।
इस नियम के तहत हटाया
आईएएस रानी बंसल के बिना बताए गायब रहने और पत्राचार का कोई जवाब नहीं दिए जाने के बाद केन्द्रीय कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय ने अखिल भारतीय सेवा अवकाश्या नियमावली 1955 के नियम 7(2)(क)के अनुसार रानी बंसल का भारतीय प्रशासनिक सेवा से त्यागपत्र स्वीकार किया। राष्टÑपति के अनुमोदन के बाद यह आदेश जारी किया गया।