- कारोबारियों ने भी ली कड़ी आपत्ति, इस तरह की धरपकड़ से तो सारे त्योहार बिगड़ जाएंगे, कलेक्टर ने भी बना दी चार सदस्यीय समिति
- 10 लाख से ज्यादा होने पर ही आयकर विभाग को करेंगे सूचित
इंदौर । आचार संहिता लगते ही पुलिस प्रशासन सहित अन्य विभागों का अमला सडक़ों पर उतरकर वाहनों की चैकिंग में जुट गया है, जिसके चलते लाखों रुपए की नकद राशि के साथ-साथ सोना-चांदी और अन्य बहुमूल्य सामग्री भी जब्त की जा रही है। लाख-दो लाख रुपए लेकर चलना भी मुसीबत हो गया है। अग्निबाण ने कल ही इस मुद्दे को उठाया था कि इंदौर जैसे व्यवसायिक शहर में इस तरह क धरपकड़ से कारोबार ही चौपट हो जाएगा। शहर के व्यापारी संगठनों की ओर से कल कलेक्टर और एसीपी को पत्र लिखकर सुझाव दिया कि जिस व्यापारी के पास मान्य संगठन का परिचय-पत्र हो और अगर उसके पास नकदी अगर है तो पुलिस अनावश्यक कार्रवाई ना करे। अभी गांवों से भी फसल बेचने किसान और व्यापारी नकदी लेकर बाजार आते-जाते हैं। उन्हें भी अनावश्यक रोककर पूछताछ की जा रही है। आचार-संहिता का मतलब व्यापार-व्यवसाय पर रोक लगाना नहीं है।
अभी सभी बड़े त्योहार भी हैं, जिसके चलते कारोबारियों को सामान की खरीदी से लेकर भुगतान करने, बैंक में जमा करवाने के लिए भी नकदी इधर से उधर ले जाना पड़ती है। लिहाजा कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने भी एक चार सदस्यीय समिति का गठन कर दिया, जो ऐसी नकद जब्ती या बहुमूल्य वस्तुएं जो किसी उम्मीदवार, राजनीतिक दल अथवा निर्वाचन अभियान से जुड़ी नहीं है उन्हें मुक्त किया जा सकेगा और मतदान की तारीख के पश्चात सात दिन से अधिक ये नकदी और सामग्री नहीं रखी जाएगी। 10 लाख रुपए से अधिक की राशि होने पर आयकर के नोडल अधिकारी को सूचित करना जरूरी रहेगा। इस समिति में सीईओ जिला पंचायत सिद्धार्थ जैन, संयुक्त संचालक कोष व लेखा टीएस बघेल, जिला कोषालय अधिकारी श्रीमती मोनिका सोनी को रखा गया है। सभी प्रकार की जब्ती और रिलीज की कई नकद राशि और बहुमूल्य सामग्री की जानकारी बकायदा रजिस्टर में संधारित की जाएगी और उसका पूरा विवरण भी अंकित रहेगा। वहीं दूसरी तरफ व्यापारिक संगठन पुलिस-प्रशासन के साथ इस संबंध में एक बैठक भी करना चाहते हैं।