उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन एक ऐसा स्थान है, जहां सूरज की पहली किरण के साथ ही बाबा महाकाल का जयघोष गूंजता है, और देर रात तक इस नगरी में देवों के देव महाकाल के साथ माता हरसिद्धि, शिप्रा मैया, कालभैरव, मंगलनाथ, और अंगारेश्वर महादेव की जय-जयकार होती रहती है। हालांकि, इस धार्मिक नगरी में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां पहुंचने वाला मार्ग पिछले एक वर्ष से बंद पड़ा हुआ है। इस मार्ग को दुरुस्त किए जाने के लिए क्षेत्रवासी पिछले एक वर्ष से प्रयासरत हैं, लेकिन न तो क्षेत्रीय विधायक और न ही पार्षद इस समस्या का समाधान करने के लिए तैयार हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि श्रद्धालुओं ने मंदिर तक जाना ही बंद कर दिया है।

पूरा मामला 84 महादेवों में 54वां स्थान रखने वाले श्री प्रयागेश्वर महादेव मंदिर से जुड़ा है, जो जूना सोमवारिया स्थित राजामल घाट के पास है। एक साल पहले अत्यधिक बारिश के कारण दीवार गिर गई थी, जिससे मंदिर का मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गया। इस घाट को राजा नल और नील द्वारा स्थापित बताया जाता है, जहां कुछ साल पहले तक मकर संक्रांति पर न केवल मेला लगता था, बल्कि हजारों श्रद्धालु स्नान करने आते थे। यहां दक्षिणमुखी तांत्रिक हनुमान का अतिप्राचीन मंदिर, भगवान गणेश, और एक अति प्राचीन शिवलिंग भी स्थित हैं।

मंदिर में दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं ने नाराजगी जताते हुए कहा कि रास्ता बंद होने से उन्हें भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पहले वे नियमित रूप से मंदिर में दर्शन के लिए जाते थे, लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि मंगलवार और शनिवार को भी मंदिर तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। मंदिर तक पहुंचने के लिए उन्हें बड़ी-बड़ी कटीली झाड़ियों से गुजरना पड़ता है, और दीवार गिरने के कारण मंदिर का पहुंच मार्ग भी बेहद खराब हो गया है।

नयापुरा और उर्दुपुरा के क्षेत्रवासियों ने बताया कि मंदिर का मार्ग बंद होने की समस्या जनप्रतिनिधियों को बताई जा चुकी है, लेकिन उन्होंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। इस पूरे मामले पर जब क्षेत्रीय विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं, वार्ड के पार्षद गब्बर भाटी भी एक कार्यक्रम में व्यस्त थे और उन्होंने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।