भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में सदैव महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। यह क्रम अभी भी जारी है। किसान मंच जैसे संगठनों से किसानों की वर्तमान समस्याओं की वास्तविक जानकारी भी प्राप्त होती है, जिससे किसानों से जुड़ी छोटी-बड़ी समस्याओं को त्वरित हल करने में मदद मिलती है। किसानों और अन्य उपभोक्ताओं के हित में राज्य सरकार ने इस दिशा में सजग और सक्रिय रह कर निरंतर कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि पर्याप्त बिजली की आपूर्ति (sufficient power supply) के लिए 24 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है। शिविरों के माध्यम से विद्युत प्रदाय और विद्युत देयकों की त्रुटियों से जुड़ी शिकायतों का तत्काल समाधान किया जाए। रबी फसलों की बोवनी के वर्तमान समय में भी किसानों को बिना समस्या के आवश्यक विद्युत आपूर्ति की जाए।

मुख्यमंत्री चौहान बुधवार शाम को मंत्रालय में किसान मंच के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में कृषक कल्याण से संबंधित प्राप्त सुझाव पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने किसान मंच से प्राप्त सुझावों पर आवश्यक क्रियान्वयन के निर्देश दिए। बैठक के प्रारंभ में किसान मंच के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को उज्जैन में श्री महाकाल लोक के अनावरण के लिए बधाई दी।

मंडी कर्मचारी को निलंबित करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने किसान मंच द्वारा प्राप्त शिकायत पर गुना जिले के बीनागंज स्थित कृषि उपज मंडी समिति के सहायक उप निरीक्षक बृजेश धाकड़ को निलंबित करने के निर्देश दिए। उन्होंने एक अन्य शिकायत पर नर्मदापुरम जिले के वनखेड़ी में विद्युत वितरण कम्पनी के कर्मचारी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर जेल भिजवाने के निर्देश दिए। इस शिकायत में कर्मचारी द्वारा अवैध रूप से रसीद बुक छपवाकर किसानों से राशि की वसूली करने का आरोप है। बैठक में कृषि, राजस्व, ऊर्जा, पशुपालन और सहकारिता विभाग से संबंधित सुझावों पर संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने अब तक हुए कार्य और भविष्य में की जाने वाली कार्यवाही की जानकारी दी।

ऊर्जा विभाग
मुख्यमंत्री ने कहा किसानों को कृषि कार्य के लिए अधिकतम सुविधाएँ ऊर्जा विभाग की तरफ से दी जाएँ। रबी फसलों के लिए पर्याप्त विद्युत प्रदाय, ट्रांसफार्मर को ओवरलोड से बचाने, बिगड़े ट्रांसफार्मर ठीक करवाने विभागीय अमला मुस्तैदी से कार्य करता रहे। शिविर लगा कर समाधान की कार्यवाही की जाए।

राजस्व विभाग
उन्होंने कहा कि प्रदेश में राजस्व जागरूकता और त्रुटियों को ठीक करने का अभियान पूर्व में संचालित हुआ है। ऐसा अभियान फिर से चलाया जाएगा। अभियान की रूपरेखा तैयार की जा रही है। प्रदेश में नामातंरण और अन्य कार्यों को कम समय में पारदर्शी ढंग से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने बताया कि प्रदेश में राजस्व संबंधी कार्यों के तेजी से निपटारे की व्यवस्था की गई है। सायबर तहसील की अभिनव व्यवस्था की गई है। पायलट आधार पर दतिया और सीहोर से सायबर तहसील की शुरुआत हुई थी। अब इसका विस्तार करते हुए चार अन्य जिलों सागर, डिंडोरी, इंदौर और हरदा को इस व्यवस्था से जोड़ा गया है। भोपाल में पदस्थ सायबर तहसील के तहसीलदार को जिले से प्राप्त रिपोर्ट के बाद आवश्यक कार्यवाही हो जाती है। अविवादित प्रकरण में अविलंब कार्रवाई हो जाती है। इस व्यवस्था में किसान और राजस्व अधिकारी परस्पर एक दूसरे को नहीं जानते। फेसलेस सिस्टम विकसित किया गया है। अन्य जिलों में भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी।

सायबर तहसील व्यवस्था से प्रभावित हुए किसान मंच के सदस्य
बैठक में सुशासन के अंतर्गत सायबर तहसील व्यवस्था द्वारा अविवादित नामांतरण प्रकरणों के पक्षकारों को तहसील कार्यालय में पेशियों पर स्वत: उपस्थित न होकर घर बैठे नामांतरण की सुविधा मिलने की पहल की सराहना की। उपस्थित किसान मंच के पदाधिकारियों ने इस व्यवस्था को किसानों के हित में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गठित एफ.पी.ओ. को भी आवश्यक सहयोग दिया जा रहा है। राज्य स्तर पर भी एफपीओ के गठन और आवश्यक सहयोग देने पर फोकस करते हुए इसके लिए पृथक नीति बनाने पर विचार करेंगे। किसानों के लिए उनकी आवश्यकता के अनुसार खाद की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में पर्याप्त खाद, उर्वरक और उसकी आपूर्ति की निरंतर समीक्षा की गई है। शिकायत और गड़बड़ियों पर नियंत्रण किया गया है। कुछ जिलों में समितियों द्वारा खाद वितरण की व्यवस्था की गई है। मार्कफेड द्वारा प्रतिदिन खाद की उपलब्धता के साथ वितरण पर ध्यान दिया जा रहा है।

महिला मंडी कर्मचारियों का पंजीयन होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सभी मंडियों में आने वाले अनाज और अन्य सामग्री की गुणवत्ता को देखने के लिए टेस्टिंग मशीनें स्थापित की जाएंगी। वर्तमान में प्रदेश की करीब एक तिहाई मंडियों में यह व्यवस्था की गई है। अनाज को बीनने और छानने का कार्य करने वाली बहनों को, हम्मालों की तरह लायसेंस देने अथवा उनका पंजीयन कर अलग श्रेणी प्रदान की जाएगी।