भोपाल । राजधानी भोपाल के खजूरी सड़क थाना क्षेत्र में आजीवन कारावास की सजा काट रहे व्यक्ति द्वारा जेल जाने से बचने के लिए एक निर्दोष छात्र की हत्या कर उसे अपनी लाश साबित करने का षड्यंत्र रचने वाले को सोमवार को भोपाल जिला अदालत ने मृत्यु दण्ड (फांसी) की सजा सुनाई है। आरोपी को एक मासूम बच्चे के अपहण के मामले में गुना जिला न्यायालय ने आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए की सजा सुनाई थी। आरोपी ग्वालियर जेल में बंद था, वह पेरोल पर बाहर आया और किराये का कमरा लिया। आरोपी उसी कमरे में पड़ोस में रहने वाले अमन दांगी की हत्या कर उसकी लाश जला दी। मृत्युदण्ड की सजा पाने वाले रजत सैनी ने दोबार जेल न जाना पड़े और 50 हजार रुपए अर्थदंड न भरना पड़े, इसलिए बीएससी की पढ़ाई करने वाले छात्र की हत्या कर खुद को मृत साबित करने का षड्यंत्र रचा था।

जानकारी के अनुसार अमन दांगी बीएससी का छात्र था और फंदा में रहता था। 14 जुलाई 2022 को फंदा के मकान नंबर 586 में एक युवक की लाश मिली, उसकी शिनाख्त अमन दांगी के रूप में हुई थी। जिस कमरे में लाश मिली, उसे कुछ दिन पहले ही रजत सैनी नाम के युवक ने किराये पर लिया था। इसके बाद रजत सैनी की तलाश शुरू हई। कुछ ही दिन में खजूरी सड़क पुलिसने सैनी को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया। आरोपी ने पुलिस को बताया था कि उसे गुना जिले के राघवगढ़ न्यायालय ने एक बच्चे अपहरण के मामले में आजीवन कारावास और 50 हजार रुपस अर्थदण्ड की सजा सुनाई थी। उसे ग्वालियर जेल में रखा गया था।

पैरोल पर बाहर आया था हत्यारा

आजीवन कारावास की सजा काट रहे रजत सैनी ने जुलाई में पैरोल पर बाहर आया था। आरोप बाहर आकर षड्यंत्र रचा कि अपने उम्र के मिलते-जुलते किसी युवक की हत्या कर उसे अपनी लाश सिद्ध कर दिया जाए तो जेल भी नहीं जाना पड़ेगा और 50 हजार रुपए अर्थदण्ड भी नहीं देना पड़ेगा। पुलिस ने इस मामले में हत्या और साक्ष्य छिपाने सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था। मामले को जघन्य हत्याकांड मानते हुए पुलिस ने इसे विशेष न्यायाय में चलाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद मामले की सुनवाई सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र टाडा की विशेष अदालत में हो रही थी। 4 मई को उसे दोषी करार दिया गया था। सोमवार 8 मई को न्यायालय ने रजत सैनी को मृत्युदण्ड की सजा सुनाई है।