मध्यप्रदेश के श्योपुर में एक हैरतंगेज घटना हुई है। यहां एक युवक के एक्सिडेंट में मौत की सूचना के बाद उसके परिजन शव घर ले आए, अंतिम संस्कार कराया और फिर तेरहवीं की तैयारी में जुट गए। इस दौरान घर में मातम का माहौल था। इष्ट मित्र और रिश्तेदार के आने का क्रम चल ही रहा था कि उनके ‘मरे हुए बेटे’ का फोन आ गया। उसने बताया कि वह जिंदा है और कल घर आ रहा है।
इस फोन कॉल के बाद घर में खुशियां लौट आई हैं। यह मामला श्योपुर के लहचौड़ा गांव का है। इस गांव में रहने वाले दीनदयाल शर्मा का बेटा सुरेंद्र जयपुर की एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करता है। वह काफी समय से अपने गांव नहीं आया था। इसी बीच दीनदयाल के परिवार वालों को सूचना मिली कि सुरेंद्र का सवाई माधोपुर में एक्सिडेंट हो गया है और वह गंभीर रूप से घायल है।
इस सूचना के बाद दीनदयाल और परिवार के लोग सवाई माधोपुर पहुंचे। वहां पता चला कि हालत नाजुक होने की वजह से जयपुर के एसएमएस अस्पताल के लिए रैफर किया गया है। इसके बाद दीनदयाल एसएमएस अस्पताल पहुंचे। वहां उन्हें बताया गया कि गंभीर चोटें आई थीं और इलाज के दौरान सुरेंद्र की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन और पुलिस ने शव के शिनाख्त की औपचारिकता के बाद पोस्टमार्टम कराया और शव दीनदयाल को सौंप दिया।
दीनदयाल जयपुर से शव लेकर श्योपुर पहुंचे और विधि विधान से अंतिम संस्कार कराया और तेरहवीं की तैयारी में जुट गए। इसी बीच सुरेंद्र का अपने छोटे भाई को फोन आया और वह हाल चाल पूछने लगा। सुरेंद्र के नंबर से कॉल आते देख पहले तो उसका भाई हैरान हो गया। कॉल रिसीव किया और बात की तो भी भरोसा नहीं हुआ। आखिर पांच दिन पहले ही वह अपने भाई का अंतिम संस्कार हुआ है।
ऐसे में सुरेंद्र के भाई ने वीडियो कॉल करने को कहा। उधर, सुरेद्र भी वीडियो कॉल करते हुए काफी परेशान हो गया। पूछा कि आखिर माजरा क्या है। इसके बाद उसके भाई ने पूरी बात बताई और सुरेंद्र की घर वालों से भी बात कराई। तब सुरेंद्र ने बताया कि वह अगले दिन घर पहुंच रहा है। फिर जब सुरेंद्र घर पहुंचा तो उसकी तेरहवीं रद्द कर पूरे परिवार ने उसका स्वागत किया। सुरेंद्र की मां कृष्णा देवी के मुताबिक उसके बेटे पर कोई ग्रह था, शायद कट गया। अब उनका बेटा सुरक्षित घर लौट आया है और परिवार में खुशी का माहौल है।